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रोका-छेका कार्यक्रम के अंतर्गत पशु चिकित्सा शिविरों का हुआ आयोजन

जिले में खरीफ 2020 के अंतर्गत खुले पशुओं से फसलों को बचानें के उद्देश्य से रोका-छेका कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया हैं। रोका-छेका कार्यक्रम के अंतर्गत पशुधन विकास विभाग द्वारा गत 19 जून से 30 जून 2020 तक कलेक्टर कार्तिकेया गोयल एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल के निर्देशानुसार जिले के 88 गौठानों में पशु चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए। जिले में 247 गौठान स्वीकृत है, जिनमें से 234 गौठान संचालित है। पशु चिकित्सक सेवाएं के उप संचालक डाॅ. डी.डी. झारिया ने बताया कि जिनमें से 88 गौठानों में रोका-छेका कार्यक्रम के तहत 87 पशु चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में 543 कृषक बैठकें हुईं, जिसमें कृषकों द्वारा रोका-छेका कार्यक्रम के तहत् पशुओं को खुला नहीं छोड़ने का संकल्प लिया गया।

उन्होंने बताया कि इस दौरान इन गौठानों में 8 हजार 272 पशुओं को एकत्रित किया गया और उन्हें विभागीय सेवाएं प्रदान की गई। एक हजार 30 पशुओं का उपचार किया गया, वहीं इन गौठान ग्रामों में 19 हजार 50 पशुओं में गलघोटू एकटंगिया टीकाकरण किया गया। इसी प्रकार एक हजार 74 औषधि वितरण किया गया। 35 पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान, 152 नाटों का बधियाकरण किया गया। वही 959 पशुओं को कृमिनाशक दवा पिलाई गई। इसके अलावा इन शिविरों के माध्यम से व्यक्तिमूलक योजनान्तर्गत 376 बैकयार्ड कुक्कुट इकाई, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अंतर्गत 67 डेयरी प्रकरण, बकरी पालन कार्यक्रम के अंतर्गत 19 प्रकरण एवं 38 किसान क्रेडिट कार्ड प्रकरण तैयार किया गया। चारा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत एक हजार 200 नेपीयर कट रूट्स वितरित किए गए।




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