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डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल द्वारा कोविड-19 की पहचान के लिए 50 हजार से ज्यादा सैंपलों की जांच

रोजाना 1000-1200 सैंपलों की जांच, आई.सी.एम.आर. के मापदण्डों के अनुरूप तैयार की गई है उच्च स्तरीय बी.एस.एल.-2 लैब

 राजधानी रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय द्वारा कोविड-19 की पहचान के लिए अब तक 50 हजार से ज्यादा सैंपलों की जांच की जा चुकी है। पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा स्थापित इस उच्च स्तरीय वायरोलॉजी लैब में विभिन्न जिलों से प्राप्त एक हजार से 1200 सैंपलों की जांच रोज की जा रही है। सैंपलों की आर.टी.पी.सी.आर. जांच के लिए यहां आई.सी.एम.आर. के मापदण्डों के अनुरूप उच्च स्तरीय बी.एस.एल.-2 लैब विकसित किया गया है। रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय के इस अत्याधुनिक लैब में 6 जुलाई तक कोविड-19 संभावितों के 52 हजार 460 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। इनमें से 1230 सैम्पलों की रिपोर्ट  पॉजिटिव आई है।

चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल ने विभाग के विशेषज्ञों, डॉक्टरों, तकनीशियनों तथा अन्य स्टॉफ के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि इनकी लगातार मेहनत से प्रदेश में कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने में महाविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां अधिक से अधिक सैंपलों की जांच के लिए तीन पालियों में करीब 50-55 लोगों की टीम दिन-रात काम कर रही है। इनमें कई लोगों को घर जाने की भी अनुमति नहीं है। उनके रहने खाने की व्यवस्था महाविद्यालय द्वारा की गयी है।

माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्राध्यापक डॉ. निकिता शेरवानी के नेतृत्व में यहां सैंपलों की जांच में माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रो. डॉ. व्ही. चटर्जी, डॉ. रूपम गहलोत, डॉ. निजा मोंगा, डॉ. सुचिता नेताम के साथ वैज्ञानिक डॉ. जगन्नाथ पाल, डॉ. योगिता राजपूत, डॉ. आदित्य झा, डॉ. ऋषिकेश मिश्रा, डॉ. नेहा सिंह, डॉ. आलोक साहू, कु. विजयलक्ष्मी जैन, श्रीमती अपर्णा साहू, डॉ. अभिज्ञान नाथ एवं डॉ. खुशबू भांगे अहम भूमिका निभा रहे हैं। सहयोगी टीम में डॉ. ईरीश ठाकुर और डॉ. रश्मिका दवे डॉटा संकलन, रिर्पोट्स, रिकॉर्ड्स और आई.टी. संबंधित कार्यों में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। इस टीम में 10-12 डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर आई.सी.एम.आर. पोर्टल, आई.डी.एस.पी. एवं स्वास्थ्य विभाग को सभी रिपोर्ट्स और जानकारियां तुरंत प्रेषित करते हैं। मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट्स और लैब अटेण्डेन्ट भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। कोरोना वायरस के साथ ही समय-समय पर आने वाले स्वाईन फ्लू (एच1एन1) की भी जाँच यहां की जा रही है।




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