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266 रुपये के यूरिया को 340 में बेचा जा रहा है, लूट का जरिया बना खाद, न्याय योजना के शुरुआत के बाद किसानों के साथ अन्याय क्यो ?

किसानों को तय से ज्यादा मूल्य में खाद खरीदना मजबूरी हो गया है हालांकि कृषि विभाग कभी कभार एक दुकानों में छापा मार कर कार्यवाही करती है. लेकिन जिले भर कई ऐसे कृषि सेवा केन्द्र मिल जाएंगे जहां तय से अधिक मूल्यों में खाद का बिक्री किया जा रहा है.

इसपर किसान कुछ बोलते है तो कृषि केंद्र संचालको द्वारा क्या कर लोगे या फिर खाद ही नही देते है. ऐसे में बेचारे किसानों को मजबुरन ज्यादा मूल्य में खाद को खरीदना पड़ता है और भुगतान भी करना पड़ता है.

कई स्थानीय किसान तो शिकायत करने के बाद खाद नही मिलेगा इस डर से भी शिकायत नहीं करते हैं. कई जगह बिल भी नहीं दिया जाता है.

ऐसे ही मामला पिथौरा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत पथरला के आश्रीत ग्राम तिलकपुर का किसान लव कुमार पटेल ने बताया कि सांकरा (जोक) में बजरंग कृषि सेवा केंद्र में 266 रु के यूरिया को 340 रु में बिक्री किया जा रहा है.

पथरला तिलकपुर के लव कुमार पटेल ने बताया कि सांकरा के बजरंग कृषि सेवा केंद्र मे कई किसानों से 266 के बजाय 340 रु लिया जा रहा है ऊपर से पक्का रसीद मांगने पर भी नही दिया जा रहा है. एक नकली मत पत्रों में बिल बनाकर किसानों को दिया जा रहा है.लव कुमार पटेल के अनुसार आधार कार्ड लेकर फिंगरप्रिंट लिया जा रहा.

इस मामले में कृषि विभाग महासमुन्द बीएल भगत से संपर्क करने पर बताया कि तय से अधिक मूल्य पर बिक्री करवाया जा रहा है तो गलत है दिखवाता हूँ.

बताया गया कि कृषि सेवा केन्द्रों में खाद खरीदते समय आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट लिया जा रहा है जिसके बाद किसानों के खाते में खाद का सब्सिडी आएगी.





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