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एक महतारी एक्सप्रेस के लिए तरसता आदिवासी अंचल धरमजयगढ़..! 1 साल से खराब है गाड़ी...विभागीय बैठक में बी एम ओ उठाते हैं मुद्दा मिलता है सिर्फ आश्वासन.. विधायक एवमं कृषि मंत्री को भी दिया सूचना..! फिर भी कोई फायदा नही...!

रायगढ़, धरमजयगढ़:- एक वर्ष से खराब होकर पड़ा है 102, उच्च अधिकारी से कई बार लगा चुके हैं गुहार, अब तक कोई नहीं सुना आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए सालाना सरकार करोङो खर्च करती है लेकिन बावजूद इसके उनकी माली हालत में कोई ख़ास बदलाव नज़र नहीं आता. ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है की आखिर आदिवासियों के नाम का पैसा जाता कहाँ है?

इसमें समझने की बात है सरकारी योजना का ज़्यादातर हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है. अमूमन देखा गया है आदिवासी भाईयों की सुख सुविधा का ख्याल ना तो प्रशासनिक अधिकारी ठीक तरीके से कर पाते है, और ना ही सरकार अलबत्ता इनके नाम का दम भरते दोनों की ज़ुबान नहीं सूखती है.

इसका ताज़ा उदाहरण रायगढ़ जिले का आदिवासी अंचल क्षेत्र धरमजयगढ़ है.जहाँ स्थानीय सिविल अस्पताल में 102 महतारी एक्सप्रेस बिगड़कर खटारा पूरी तरहा कंडम हालत में पिछले 1 साल से बंद खड़ा है. इसी वाहन से गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल लाया ले जाया जाता था. सालभर से गाड़ी बिगड़ने के कारण गरीब घर के महिलाओं की परेशानी बढ़ गई है. क्षेत्र के बीहड़ ग्रामो में बसे विशेष पिछड़ी जनजाति जैसे कोरवा, बिरहोर, पंडो आदि वर्ग की महिलाओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अभी इस कोरोना काल में 102 वाहन सुविधा उपलब्ध ना हो पाने की वजह से पिछड़ी जनजाति के महिलाओं का प्रसव घर पर ही हो जाता है. जिससे माता और शिशु दोनों को मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है. यहाँ इस वाहन के अभाव में 1 साल के भीतर पिछड़ी जनजातियों में शिशु मृत्यु दर में भारी बढ़ोतरी हुई है.

जानकारी मिली है के अब कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए महतारी एक्सप्रेस को लेकर क्षेत्र में ज़्यादा परेशानी बढ़ते देख स्थानीय विधायक व आदिवासी प्राधिकरण अध्यक्ष लालजीत राठिया ने भी इसकी सुधि लेते हुए माननीय स्वास्थ्य मंत्री टीएस बाबा छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर धरमजयगढ़ में 102 वाहन की व्यवस्था करने मांग की है. वहीँ सिविल अस्पताल के बीएमओ ने भी सीएमएचओ को मांग पत्र लिखा है. इनके अलावा मौजूदा धरमजयगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष सहित पार्षद ने भी चिट्ठी लिखकर 102 वाहन नहीं होने से क्षेत्र के गरीब दुखी निर्धन आदिवासी, विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को होने वाली असुविधा के बारे सीएमएचओ रायगढ़ सहित क्षेत्रीय विधायक एवं जिला कलेक्टर को भी अवगत कराया है.

अब देखने वाली बात होगी के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी जनसरोकार से जुड़े इस समस्या को कितनी गभीरता से लेते हैं ,और सरकार के प्रतिनिधि इस परेशानी से जनता को कब तक निजात दिलाते हैं.?

खंड चिकित्साधिकारी बी एल भगत के अनुसार:-

धरमजयगढ़ सिविल अस्पताल के खंड चिकित्साधिकारी बीएल भगत का कहना है की हर बार विभागीय बैठक में उनके द्वारा 102वाहन समस्या को रखा जाता है, परन्तु 1साल हो गया उच्चाधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर बात को टाल देते हैं. स्थानीय विधायक महोदय के भी संज्ञान में दिया गया है. हाल ही में हमने पुनः पत्र लिखकर सीएमएचओ साहब से मांग की है. आगे उच्च स्तर की बात है भी की है.





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