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जिला आबकारी विभाग अधिकारी पर एक्सपायरी डेट की बीयर बिकवाने का आरोप, सेल्समेन और सुपरवाईजर ने की एस.डी.एम. से शिकायत.

विगत दिनों बसना क्षेत्र में एक्सपायरी डेट की बीयर बेचे जाने की ख़बर सोशल मिडिया में चर्चा का विषय था. ख़बर थी की बसना और भंवरपुर के शासकीय शराब दुकान में एक्सपायरी डेट की बीयर बेचीं जा रही है. अब एक्सपायरी डेट की बीयर बेचे जाने की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी सरायपाली से की गई है जिसमे शिकायतकर्ता नगर पंचायत बसना के शासकीय शराब दुकान के सेल्समेन और सुपरवाईजर है.

कर्मचारियों ने बताया है कि बसना के शासकीय शराब दुकान में जिला आबकारी विभाग के अधिकारी द्वारा उन्हें समाप्ति तिथि का बीयर बेचने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. जिसे नहीं बेचने पर और इसका विरोध करने पर उन्हें बेवजह काम से निकालकर दुसरे प्रदेश के लोगों को लाकर चार्ज दे दिया गया.

शिकायत में बताया गया है कि जिला आबकारी विभाग के अधिकारी द्वारा बीयर को 28 अगस्त को बसना शासकीय शराब दुकान से लेजाकर उसे बेचने के लिए भंवरपुर और छुईपाली में भी दे दिया गया. जिसे एस.आई द्वारा स्वयं अपने गाडी से पहुँचाया गया है.  

शिकायत में बताया गया कि समाप्ति तिथी की लगभग 50 पेटी बीयर बसना में,  35 पेटी छुईपाली में और  30 पेटी भंवरपुर में बेच दिया गया. जब कुछ लोगों ने इसका विरोध कर बताया गया कि इससे छत्तीसगढ़ सरकार की छवि धूमिल हो रही है,  किसी की जान भी जा सकती है. जिसके बाद शराब दूकान के कर्मचारी ने छत्तीसगढ़ सरकार की छवि धूमिल ना हो जाये और किसी की जान ना जाए इसलिए समाप्ति तिथी की बियर को नहीं बेचा.

शिकायत में बताया गया कि लॉकडाउन के समय उन्हें काम दिलाने के नाम पर रकम भी ली गई. और कभी समय पर पगार नहीं दिया गया. जिस रकम को काम दिलाने के नाम पर लिया गया उसे वापस कर दिया जायेगा कहा गया था. जिसके चलते कर्मचारियों ने डिमांड ड्राफ्ट कंपनी के नाम बनाकर दिया था. लेकिन अब उसे भी देने से मुकरा जा रहा है.

शिकायत में बताया गया है कि कर्मचारियों को पूरी तरह से शोषित किया गया. जिसका आज तक एक रुपया भी कई लोगों को नहीं मिला है. घर से पैसा लगाकर कर्मचारी यहाँ काम करने को मजबूर थे. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ रही थी.

शिकायत में बताया गया है कि समाप्ति तिथी की बियर नही बेचने पर जिला आबकारी विभाग के अधिकारी बिहार के लोगों को काम पर रख रहें है. जो अब समाप्ति तिथी की बियर भी शायद बेच दें,  जिससे लोगों के स्वास्थ को नुक्सान होगा, किसी की मौत भी हो सकती है.  

उन्होंने शिकायत के माध्यम से बताया है कि पूर्व में शासकीय सरकारी शराब दुकान में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा बिक्री की रकम को लेकर फरार होने की बात सामने आई है. जिसमे कुछ पकड़े गए कुछ अब भी पुलिस की गिरफ्त से बहार है. जो कि स्थानीय नहीं है.

शिकायत में बताया गया है कि जिला आबकारी विभाग के अधिकारी बिक्री की रकम को दोगुना करने के लिए बोलते है, जो कि केवल नियम विरुद्ध शराब बेचे जाने से ही संभव है. लेकिन यह जानते हुए भी जिला आबकारी अधिकारी के द्वारा दबाव बनाया जाता है.

मामले में कर्मचारियों ने जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही कर न्याय की मांग की है.




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