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कोरोना की जाँच करवाने पहुंची महिला और उसके परिजनों के साथ हुआ बुरा बर्ताव.

जिले में कोरोना को लेकर भले ही कितने सावधानियां बरतने की नियम चलाने की बात कही जा रही हो. लेकिन कोरोना काल जैसे संकट की इस घड़ी में डॉक्टरों द्वारा कहीं ना कहीं मरीजों के साथ अन्याय करते नजर आ ही जाएंगे.

मामला बसना सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का है, जहाँ परसकोल गांव की एक महिला अपने परिजनों के साथ हाथ पैर दर्द और बुखार की शिकायत के साथ पहुंची थी.

महिला कोरोना टेस्ट करवाने मजबूर थी, उक्त महिला को 3 दिनों से हाथ पैर में दर्द हो रहा था. जब उसके परिजनों ने निजी स्वास्थ केंद्र में इलाज करवाना चाहा तो डॉक्टरों द्वारा बिना कोरोना टेस्ट के ईलाज नही करेंगे कहा गया और सलाह दिया गया की सबसे पहले कोरोना टेस्ट करवाए जिसके बाद ही भर्ती किया जायेगा.

इसके बाद बुखार से तड़पते माहिला को जब बसना स्वास्थ केन्द्र कोरोना टेस्ट के लिए ले जाया गया तो वहां बसना बीएमओ जेपी प्रधान बैठे हुए थे जो महिला और परिजनो से आज कोरोना टेस्ट नही होगा बोल देते हैं.

इसके बाद जब परिजन इसकी शिकायत करने की बात कहते हैं तो बीएमओ कहतें है कि आज तो कोरोना टेस्ट नही होगा जिससे शिकायत करना है करो और मरीज के परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है.

इसके बाद जब मरीज के परिजन मामले की शिकायत जिला के स्वास्थ अधिकारी डॉ. एस.पी. वारे से करते हैं तो उनके द्वारा दूरभाष के माध्यम से तत्काल स्वास्थ विभाग को कोरोना टेस्ट और आवश्यक इलाज करने का निर्देश दिया जाता है.

जिसके बाद उक्त महिला का कोरोना टेस्ट करने पर परिणाम निगेटिव आया है. और परिजनों ने राहत की सांस लेते हुए सरायपाली जाकर एक निजी अस्पताल से ईलाज करवाया गया.




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