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टेका माथा, फोड़ा नारियल, नियमितिकरण हड़ताल का- एनएचएम संघ महासमुंद

”अवकाश दिवस पर भी दमनकारी नीति अपनाने वाली सरकार के विरोध में एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल के दूसरे दिन भी काम बंद रखा। साईं मदिर पहुंचे और मांगे पूरी होने की कामना के साथ कोविड-19 के दौर में किसी को भी स्वास्थ्य हानि न हो इस ओर दण्डावत पूजा-अर्चना कर प्रार्थना भी की।”

रविवार 20 सितम्बर 2020 का दूसरा दिन, जब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की जिला इकाई ने हड़ताल निरंतर जारी रखी। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने हड़तालियों को वापस बुलाने के लिए अवकाश के दिनों में भी नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं। वहीं, रविवार को एनएचएम संविदा कर्मचारियों की जिला इकाई पूरे रुआब पर दिखी। संघ के जिला अध्यक्ष श्री रामगोपाल खुटे ने बताया कि संघ के कर्मचारी रविवार की सुबह साईं मदिर पहुंचे, भगवान को धूप-दीप दिखाए, नारियल फोड़ा और सामुहिक रूप से पूजा-अर्चना करते हुए जनहित में स्वास्थ्य लाभ की कामना की साथ ही अपनी मांगों को लेकर लामबंद भी हुए।

श्री खुंटे के मुताबिक एनएचएम कर्मचारियों की मांग के संबंध में पूर्ती न होने की शिकायतें पुरानी हैं और इस ओर सरकार ने झूठे वायदे और आश्वासन ही दिए हैं। ऐसे में, मजबूरन संघ ने हड़ताल का रुख किया है। हड़ताल के दूसरे दिन शासन द्वारा प्राप्त निर्देशों के बारे में आवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि सरकार हड़ताल रोकने के लिए दमनकानी नीति अपनाने को आतुर है और पदाधिकारियों को सेवा बर्खास्तगी की चेतावनी दी जा रही है। लेकिन, हड़ताल प्रदेशिक स्तर की है और इसमें प्रदेश के 13 हजार संविदा कर्मचारियों की सहमति है। ऐसे में यह हड़ताल थमने वाली नहीं है जब तक कि उनकी मांगों पर सरकार कोई लिखित आश्वासन या पुष्टिकृत प्रमाण न उपलब्ध करा दे।






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