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कृषि विभाग ने उतेरा फसल लेने की दी किसानों को सलाह

प्रदेश सहित जिले मे खरीफ वर्ष- 2020 में पर्याप्त वर्षा हुई है और अर्ली वेराईटी के धान की फसल पकने की स्थिति में है। आगामी 20 दिवस पश्चात् किसान खेतों से पानी निकासी कर पकी फसल की कटाई करेंगे, जो किसान भाई धान की फसल काटकर रबी फसल लेते हैं वे पैरा खेत में जला देते हैं। जिससे मिट्टी में उपलब्ध नमी तो नष्ट होती ही है। इसके साथ-साथ मिट्टी में फसल उत्पादन में सहायक जीवाणु भी नष्ट होने से रबी में उगाई जाने वाली फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

कृषि विभाग के उपसंचालक एस.आर. डोंगरे ने बताया कि फसल अवशेष जलाना माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली द्वारा अपराध माना गया है और दण्ड का प्रावधान किया गया है। दो एकड़ से कम में एक बार फसल जलाने पर दो हजार 500 रुपए और 2 से 5 एकड़ में एक समय में फसल अवशेष जलाने पर पाॅच हजार रूपए एवं 5 एकड़ से अधिक में एक समय में फसल अवशेष जलाने पर 15 हजार रूपए के जुर्माना का प्रावधान है। उन्होंने किसान भाईयों को सलाह दी है कि वे फसलों के अवशेष को जुताई (रोटावेटर) चलाकर पानी एवं डिकम्पोजर या ट्राईकोडर्मा डालकर खाद में परिवर्तित कर सकते है एवं उपलब्ध नमी का उपयोग उतेरा फसल लेकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते है। किसान भाई रबी फसल में सरसों, अलसी एवं तिवड़ा की फसलें विशेष तौर पर ले सकते है। किसानांे को अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया जाएगा। उतेरा फसल लेने के इच्छुक किसान बीज के लिए अपनी मांग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को प्रस्तुत कर सकते है।




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