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महासमुंद : एसडीम अपने क्षेत्र में घोषित करेंगे वेंडिंग जोन : सड़क विक्रेताओं को अपने कारोबार को किक-स्टार्ट करने में मिलेगी मदद : छोटे और सीमांत किसानों को 3 किस्तों में 6000 रुपये : 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से किसानों को मिलेगी सहायता राशि

कलेक्टर की अध्यक्षता समय सीमा की बैठक

कलेक्टर  गोयल ने जिले के सभी एसडीम और नगर पालिका अधिकारियों को कहा कि वे अपने क्षेत्र में वेंडिंग ज़ोन घोषित करें ताकि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना स्ट्रीट वेंडर को इस योजना का फ़ायदा मिले । यह योजना सड़क विक्रेताओं को अपनी आजीविका फिर से शुरू करने में सक्षम बनाएगी जो COVID-19 लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई है । लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना रेहड़ी-पटरी वाले लोगों को भी करना पड़ा है। उक्त बातें आज कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में कही ।

कलेक्टर  गोयल ने बैठक में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चर्चा करते हुए कहा कि इसके अंतर्गत राज्य के किसानो को उनकी धान की फसल पर लाभ पहुंचाया जा रहा है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के किसानो को धान के समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का फायदा मुहैया कराई जारही है। इस योजना के तहत खरीफ की धान, मक्का और गन्ना जैसी फसलों पर किसानों को अधिकतम 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाएगी। इसी प्रकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना छोटे और सीमांत किसानों को इस योजना के तहत 1 साल में 3 किस्तों में किसानों को सरकार 6000 रुपये की मदद करती है। अगर पात्र किसानो ने इन योजना का लाभ हासिल करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है और जानना चाहते हैं कि इस योजना के लाभार्थियों की लिस्ट में आपका नाम शामिल है या नहीं, तो आप आसानी से जानकारी हासिल कर सकते हैं।

कलेक्टर  गोयल ने जिले के सभी एसडीम और नगर पालिका अधिकारियों को कहा कि वे अपने क्षेत्र में वेंडिंग ज़ोन घोषित करें ताकि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना स्ट्रीट वेंडर को इस योजना का फ़ायदा मिले । यह योजना सड़क विक्रेताओं को अपनी आजीविका फिर से शुरू करने में सक्षम बनाएगी जो COVID-19 लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई है । लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना रेहड़ी-पटरी वाले लोगों को भी करना पड़ा है। उक्त बातें आज कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में कही ।

कलेक्टर कार्तिकेया गोयल की अध्यक्षता में आज यहाँ कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में साप्ताहिक समय सीमा की बैठक संपन्न हुई। बैठक में उन्होने विभिन्न विकास एवं लंबित आवेदन प्रकरणों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। बैठक में अपर कलेक्टर जोगेंद्र कुमार नायक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत डॉ.रवि मित्तल, एसडीम महासमुंद सुनील कुमार चंद्रवंशी,डिप्टी कलेक्टर और विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर गोयल ने बारी-बारी से विभागों के लंबित प्रकरणों पर की गई कार्यवाही की जानकारी ली। कलेक्टर गोयल ने कहा कि शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों के स्ट्रीट वेंडर या आस-पास सड़क पर माल बेचने वाले विक्रेता शहरी आजीविका कार्यक्रम के लाभार्थी बन गए हैं. योजना के पीछे तर्क यह है कि सड़क विक्रेताओं को कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना. जैसा कि हम जानते हैं कि स्ट्रीट वेंडर आमतौर पर छोटी पूंजी आधार के साथ काम करते हैं, जो लॉकडाउन अवधि के दौरान खपत हो गई होगी. तो यह योजना उनकी आजीविका फिर से शुरू करने के लिए सहायक होगी। शहरवासियों के घर-द्वार पर सस्ती दरों पर सामान और सेवाएं उपलब्ध कराने में स्ट्रीट वेंडर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।

मालूम हो कि स्ट्रीट वेंडर / हॉकर कौन हैं ।

कोई भी व्यक्ति, जो किसी सड़क, फुटपाथ, इत्यादि में सामान, एक अस्थायी निर्मित संरचना या एक स्थान से दूसरे स्थान पर सामान, माल, दैनिक उपयोग के सामान या सेवाओं को अन्य लोगों को पेशकश करने का काम करता है. उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली वस्तुओं में सब्जियां, फल, रेडी-टू-ईट स्ट्रीट फूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, कपड़ा, कारीगर उत्पाद, किताबें / स्टेशनरी इत्यादि और सेवाओं में नाई की दुकानें, कोबलर्स, पान की दुकानें, कपड़े धोने की सेवाएं इत्यादि शामिल हैं.इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करना होगा या प्रारंभिक कार्यशील पूंजी ऋण प्राप्त करने के लिए बैंकों में ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।

यह योजना सड़क विक्रेताओं को अपने कारोबार को किक-स्टार्ट करने में मदद करेगी जो COVID-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन अवधि में परेशानियों का सामना कर रहे हैं और उनका धन भी समाप्त हो गया है. इस योजना से स्ट्रीट वेंडर को अपनी आजीविका शुरू करने में मदद मिलेगी और अपने कारोबार को खड़ा करने में मदद मिलेगी।




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