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लोकसभा सांसद की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक संपन्न

सभी अधिकारी - कर्मचारी जो दोपहिया वाहन से दफ्तर आते-जाते समय हेलमेट का उपयोग करें: सांसद चुन्नीलाल साहू

सभी विभाग के अधिकारी पहल करे तो काफी हद तक यातायात नियम का पालन होगा

कलेक्टर ने पालकों से नाबालिक बच्चों को बाईक नहीं देने का किया आग्रह

 महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के सांसद  चुन्नीलाल साहू की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट के वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग सभाकक्ष में सांसद सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की पहली बैठक संपन्न हुई। समिति की बैठक प्रत्येक तीन महीने में होगी। संसदीय क्षेत्र के लिए सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में आज अनेक महत्वपूर्ण  सड़क सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा और विचार विमर्श हुआ। बैठक में सड़क में दुर्घटनाओं को रोकने सहायक सड़कों पर रंबल स्ट्रिप बनाने, आवारा मवेशियों को सड़क से हटाने ड्राइव चलाने तथा स्ट्रीट लाइट की समस्या वाली सड़कों पर विशेष रूप से कार्य करने पर जोर दिया गया। सांसद  चुन्नीलाल साहू ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की वजह से बहुत सी अनमोल जाने जाती हैं लेकिन इंजीनियरिंग साईड से थोड़े से तकनीकी परिवर्तन कर बहुत सी दुर्घटनाएं रोकी जा सकती हैं इस संबंध में कार्य किया जाए।      

सांसद  साहू ने कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों की तरह महासमुंद जिले में भी हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कलेक्टर  कार्तिकेया गोयल को कहा जिले के सभी सरकारी जिला प्रमुखों को अवगत कराएं कि वे अपने अधिकारी-कर्मचारियों को समझाईश दें कि जो दोपहिया वाहन से दफ्तर आते-जाते समय हेलमेट का उपयोग करें ताकि उन्हें इसकी नियमित आदत हो जाए और वे जब भी दोपहिया वाहन का उपयोग करेंगे तो हमेशा हेलमेट पहनकर ही निकलेंगे। सभी विभाग के अधिकारी पहल करे तो काफी हद तक यातायात नियम का पालन होगा।

कलेक्टर  गोयल ने कहा कि जिले के सभी खुलने वाले स्कूल-कॉलेजों, शासकीय व निजी व आईटीआई में भी दुपहिया वाहनों से आने वाले छात्र हेलमेट पहनकर आए यह सुनिशिचित किया जाए। पालन कराने के लिए संबंधित संस्था के प्राचार्य उत्तरदायी होंगे। यह निर्णय सड़क दुर्घटनाओं में दो पहिया वाहन चालकों की मौत की घटनाओं को देखते हुए लिया गया है। उन्होंने जिले के सभी अनुविभागीय दंडाधिकारियों को कहा कि कार्यालय के सामने ही सूचना चस्पा किया जाए कि कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारी व आमजन, जो दो पहिया वाहन में आते है सभी हेलमेट पहन कर कार्यालय आए। हेलमेट पहन कर नहीं आने वालों पर मोटर व्हीकल एक्ट के प्रवधानों के तहत कार्रवाई की जाए। पुलिस अधीक्षक  प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कराने अपने कार्यालय से पहल की शुरूआत करने की बात कही है। यदि इस प्रकार यातायात नियमों का पालन होता है तो सड़क दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकेगा।

कलेक्टर ने पालकों, अभिभावकों एवं आमजनों से आग्रह किया है कि वे अपने नाबालिक बच्चों को बाईक चलाने न दें। बैठक में अपर कलेक्टर  जोगेंद्र कुमार नायक, जिला परिवहन अधिकारी मोहनलाल साहू सहित सिविल सर्जन, जिला शिक्षा अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, नेशनल हाईवे के प्रभारी अधिकारी उपस्थित थे। जिले के अन्य शासकीय, अशासकीय सदस्य एवं उनके प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र से वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए शामिल हुए।

बैठक में कलेक्टर  गोयल ने यातायात विभाग के अधिकारियों को हेलमेट व सीट बेल्ट का उपयोग, ड्रंक एंड ड्रायव्हिंग रोकने आदि पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जिले के सभी मार्गों स्कूल, पुल-पुलिया, अंधा मोड़, सर्पाकार मोड़ यातायात बैरिकेट, पुलिया आदि स्थानों पर रेडियम साईन बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। वहीं चैक चैराहों व तिराहों पर गति अवरोध व सफेद पट्टी लगाने कहा। इसके अलावा उन्होंने पुल-पुलियों पर जहां रोलिंग की जरूरत हो वहां रोलिंग गार्ड लगाने के निर्देश संबंधित अधिकारियेां को दिए। उन्होंनेे सड़कों पर जानवरों के जमावड़े पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही जानवरों के गले या सिंग में रेडियम स्टीकर लगाने भी कहा। शहर की पार्किंग व्यवस्था, मार्गों पर अतिक्रमण, वाहनों का फिटनेश निरीक्षण, ओवर लोडिंग, स्कूल व यात्री बसों की जांच आदि पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए पहले से लागू व्यवस्था में बदलाव किया है। इसके तहत सड़क सुरक्षा समिति की अध्यक्षता अब क्षेत्रीय सांसद करेंगे। सभी विधायक बतौर सदस्य शामिल होंगे। नोटिफिकेशन के मुताबिक बैठक में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला परिषद सीईओ, महापौर या विकास प्राधिकरण अध्यक्ष, विधायक, उपविभागीय मजिस्ट्रेट, अध्यक्ष द्वारा तय तीन एनजीओ, ऑटोमोबाइल डीलरों के जिला स्तरीय अधिकारी, ट्रेड एसो. के प्रतिनिधि, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, नेशनल हाईवे के प्रभारी अधिकारी और आरटीओ समिति के सचिव शामिल हो सकेंगे। जिले में रहने वाले राज्यसभा सांसद विशेष रूप से शामिल होंगे। पहले सड़क सुरक्षा समिति की अध्यक्षता कलेक्टर द्वारा की जाती थी।




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