धान से बनी आकर्षक ग्रीटिंग कार्ड्स,गोबर एवं मिट्टी से बनी विभिन्न आर्कषक समाग्रियों का निर्माण कर रही समूह की महिलाएं
छत्तीसगढ़
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान‘‘ योजना अंतर्गत
जिला महासमुन्द जिले के स्व-सहायता समूहों द्वारा गोबर, मिट्टी
एवं कपड़े के हस्तशिल्प सामग्री इस बार भी दीपावली में घर आँगन
को रोशन करेंगे। महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं दीपावली पर्व को
ध्यान में रखते हुए धान से बनी विशेष सजावटी ग्रीटिंग्स कार्ड बना रही हैं।
इसके अलावा गोबर से निर्मित उत्पाद दीया, शुभ-लाभ, ओम
स्वास्तिक, गौरी-गणेश की मूर्तियां, पंचगव्य
मिश्रित कण्डा तथा मिट्टी से निर्मित दीया, गणेश व
लक्ष्मी मूर्ति, कलश एवं चिन्ह, रूई
बत्ती, मोमबत्ती
बांस से निर्मित दीवाली लाईट और कपड़े के बने
तोरण, फ्लोरा
ट्रेल विशेष रूप से तैयार किए जा रहे है।
पर्यावरण संरक्षण
और महिला स्व-सहायता समूहों को रोजगार से जोड़ने के दिशा में कारगर साबित
माना जा रहा हैै। मिट्टी एवं गोबर से निर्मित उत्पाद सामग्री दीपावली में
उपयोग करने के बाद जैविक खाद बनाने में उपयोग लाया जा सकता है। इस तरह पर्यावरण
को होने वाली नुकसान के स्थान पर गोबर एवं मिट्टी के सामग्री को इको
फ्रेन्डली माना जा रहा है। उक्त निर्मित सामग्रियां क्रय के लिए स्थानीय
स्तर पर बाजारों में उपलब्ध है।