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बसना : इंटरनेट स्पीड में लगातार हो रही गिरावट से लोग परेशान, दो कंपनी का नेटवर्क इस्तेमाल करने की मज़बूरी, कहीं कंपनियों की सांठ-गांठ तो नहीं ?

रिलायंस जियो, आईडिया और अन्य नेटवर्क यदि बसना नगर में आप किसी भी कंपनी का नेटवर्क इस्तेमाल कर इंटरनेट का उपयोग करना चाहते है तो यहाँ आप अपने इच्छा के अनुसार इंटरनेट का उपयोग नहीं कर सकते है. अक्सर फिल्मों में सूना होगा की ईलाका कुत्तों का होता है. मगर यहाँ नेटवर्क कंपनी ने इस कहावत को सही करते हुये अपने ऊपर लिया है.

इस कहावत की तरह बसना नगर में भी नेटवर्क कंपनी का ईलाका बंटा हुआ है, कहीं आपको रिलायंस जियो में इंटरनेट की स्पीड अच्छी मिलेगी तो कहीं आईडिया में. इसके आलावा कभी कभी दोनों नेटवर्क एक साथ भी काम नहीं करते शायद तब की स्थिति में किसी अन्य कंपनी का नेटवर्क काम करता हो.

इसके आलावा ये नेटवर्क कंपनी समय के अनुसार हर आधे घंटे में या कभी भी अपनी स्पीड को कम ज्यादा करते रहती है. कम स्पीड की स्थिति में 2G से भी बत्तर की हालत में इंटरनेट की स्पीड मिलती है जिसमे गूगल का सर्च इंजन भी ओपन नहीं होता. इसका एक कारण क्षेत्र में बीएसएनएल नेटवर्क की सर्विस सही नहीं होना भी है.

बीएसएनएल पर से लोगों का भरोषा पहले से ही उठ चूका है, बीएसएनएल देश में केवल नाम मात्र के लिए सबसे पहली 4G नेटवर्क वाली कंपनी बनी, और अपनी घटिया सर्विस के चलते निजी कंपनी को पैर पसारने का मौका दी. ऐसा नहीं है कि निजी कंपनी सरकारी से अच्छा कर कर सकती है. मगर इच्छाशक्ति की कमी या निजी कंपनियों से मिल रहे मुनाफ़ा के चलते बीएसएनएल क्षेत्र में आज पूरी तरह से ठप है.

कभी 999 रुपये से लेकर 99 रुपये तक में लाइफटाइम इनकमिंग फ्री देने का वादा करने वाली ये झूठी कंपनिया आज इनकमिंग के लिए भी उपभोगता से हर महीने पैसे की मांग करती है. लाइफटाइम इनकमिंग जैसे किये जाने वाले वादे ख़त्म किये जा चुके है.

कोरोना काल के चलते जहाँ लोगों की आमदनी कम और महंगाई बढ़ चुकी है. ऐसे समय में जहाँ लोग संचार के माध्यम के रूप में इंटरनेट का उपयोग कर रहें है, तब लोगों को महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है. एक की जगह मजबूरन दो सिम में रिचार्ज करवाना पड़ रहा है.

वैसे तो हर कंपनी अपने आप को सबसे बेहतर और फास्ट नेटवर्क बताने का दावा करती है. लेकिन कई शहरों में ये फिसड्डी साबित हो रही है. जिसे देखकर आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे की कहीं यह कंपनी के किसी तरह की सांठ-गाँठ तो नहीं, जिसके चलते ये अपने इलाके और समय के अनुसार स्पीड को बाँट ले ताकि उपभोगता को मजबूरन दो कंपनी के नेटवर्क का इस्तेमाल करना पड़े. या फिर ऐसा भी हो सकता है कि क्षेत्र के डीलर आपस में मिलकर ज्यादा मुनाफ़ा कमाने के लिए ऐसा कर रहें हों. क्योकि स्लो इन्टरनेट की समस्या क्षेत्र में लगातार बढ़ रही है. और कंपनी केवल रिचार्ज करवाकर अपना मुनाफा कमा रही है.

इसके आलावा भारत जैसे बड़े देश के लिए यह शर्म की बाद है कि मोबाइल इंटरनेट स्पीड के मामले में एशिया के कई मुल्कों- पाकिस्तान, नेपाल, थाईलैंड, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मालदीव आदि से पीछे है. स्पीड टेस्ट फर्म ओकला के मुताबिक, मोबाइल इंटरनेट स्पीड के ग्लोबल इंडेक्स में भारत 131वें नंबर पर है. ये आंकड़े सितंबर महीने के आंकड़े जारी किए हैं. भारत में औसत इंटरनेट स्पीड सिर्फ 12.07 एमबीपीएस ही है.




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