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सरायपाली : जनपद सी.ई.ओ ने कहा गलत एस्टीमेट से बनाये जा रहे भवन की जानकारी नहीं, इंजिनियर पर नहीं बनाया गया कोई दबाव, सी.ई.ओ के सामने इंजिनियर ने दिया गोलमोल जवाब.

सरायपाली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत कुसमीसरार में गलत एस्टीमेट में बन रहे भवन के बारें में cgsandesh.com में प्रकाशित किया गया था, जिसके भवन निर्माण के बारें में सरायपाली जनपद के इंजिनियर जे.एस. पैकरा ने बताया था कि मंगल भवन का निर्माण शुरू से ही गलत एस्टीमेट से बनाया जा रहा था, इंजिनियर पैकरा ने बताया था कि भवन को निरस्त कर जिला पंचायत को सौप दिया गया था. जिसके बाद सरायपाली जनपद सी.ई.ओ के आदेश से भवन का निर्माण कराया गया.

वहीं इंजिनियर के द्वारा लगाये गए सभी आरोपों को जनपद सी.ई.ओ डॉ. स्निग्धा तिवारी ने नकार दिया था, और कहा गया था कि मैंने कोई आदेश नहीं दिया है अगर गलत एस्टीमेट में भवन का निर्माण हो रहा है तो मैं उसे दिखवाती हूँ.

कुसमीसरार के ग्रामीण जगत तांडी ने सी.जी. संदेश डॉट कॉम को बताया था कि गलत एस्टीमेट में बन रहे भवन की शिकायत इंजिनियर से करने पर इंजिनियर के द्वारा कहा जाता था कि मेरे द्वारा भवन को निरस्त कर जिला पंचायत को सौप दिया गया है. लेकिन सरायपाली जनपद सी.ई.ओ के आदेश से भवन का निर्माण कराया गया है. भवन निमार्ण के लिए दबाव बनाया जाता था. जिसके बाद जनपद सी.ई.ओ से लिखित में आदेश लेकर इंजिनियर ने भवन का निर्माण कराया है.

वहीं मामले को  cgsandesh.com में शीर्षक “गलत एस्टीमेट में बन रहे भवन को इंजीनियर ने किया निरस्त, तो जनपद सीईओ ने दबाव बना कर दिया बनाने का आदेश !”      से प्रकाशित किया था. खबर प्रकाशन के बाद जनपद सी.ई.ओ डॉ. स्निग्धा तिवारी ने इस पर नाराजगी जतायी और कहा कि भवन के गलत एस्टीमेट से बनने की उनके पास कोई जानकारी नहीं है. और ना ही उन्होंने कोई आदेश इंजिनियर को दिया है. और ना ही इंजिनियर ने कोई ऐसा बयान दिया है जिसे खबर में प्रकाशित किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसी खबरों से उनके सम्मान को ठेस पहुँच रही है.

इसके बाद cgsandesh.com ने जनपद सी.ई.ओ डॉ. स्निगधा तिवारी को वह ऑडियो सुनाया जिसमें इंजिनियर ने आरोप लगाया था कि जनपद सी.ई.ओ के आदेश बाद भवन का निर्माण कराया जा रहा है. और इंजिनियर ने यह भी कहा था कि इस आदेश की जरुरत पड़ेगी इसलिए उन्होंने लिखित में यह आदेश जनपद सी.ई.ओ से माँगा था. ऑडियो सुनने के बाद भी जनपद सी.ई.ओ डॉ. स्निग्धा तिवारी नाराज रही. और इंजिनियर को बुलाकर आदेश दिखाने के लिए कहा तो इंजिनियर ने गोलमोल जवाब जनपद सी.ई.ओ को देते हुए कहा भवन का आंकलन कर आपको भेजा गया था. लेकिन गलत एस्टीमेट,  भवन को निरस्त किये जाने की बात और जनपद सी.ई.ओ द्वारा बनाने के लिए दिए गए आदेश से बारें में बोलने से इंजिनियर बचते रहे.          

अब सवाल यह है कि क्या अपने द्वारा किये गए भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए इंजिनियर ने मनगढ़त आरोप जनपद सी.ई.ओ पर मढ़ दिया. ताकि गलत एस्टीमेट से भवन को बना दिया जाये ? इससे प्रतीत होता है कि शिकायत के बाद जाँच में पहुंचे अधिकारी कहीं ना कहीं भ्रष्टाचारियों से मिली भगत कर रहें हैं. जिससे जाँच प्रभावित हो रही है. और सरकार को चूना लग रहा है. ऐसे ही कई और मामले जिसमे जाँच इंजिनियर जे.एस. पैकरा द्वारा की गयी हो वह संदिग्ध हो सकती है. या फिर लगातार बड़े अधिकारीयों पर झूठा आरोप लगाकर इंजिनियर जे.एस. पैकरा के द्वारा भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है. ऐसे मामलों की उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए क्योंकिं ऐसे मामलों से अब ग्रामीणों का लगातार अधिकारयों पर से भरोषा उठ रहा है.




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