news-details

रूर्बन मिशन के तहत चयनित ग्रामों को शहर के रूप के करना था विकसित, भ्रष्टाचार और उदासीनता के कारण नही हो रहा है बदलाव.

राष्ट्रीय रूर्बन मिशन के तहत जिले के विकासखंड बसना के भंवरपुर कलस्टर के 14 ग्राम पंचायतों के 32 गांवों में रूर्बन के तहत कई कार्य योजना पास किए गए थे ताकि ग्रामीणों के जीवन मे बदलाव लाया जा सके ग्रामीणों उनको शहर के तर्ज पर गांव में ही सभी सुविधाएं मुहैया करवाया जाए.

रूर्बन कलस्टर मिशन में शामिल गांवों में संतपाली, ठुठापाली, मेढ़ापाली, हरिलछापर, बरतियाभांठा, उमरिया, कोलियारडीह, सनबहाली, लोहड़ीपुर, पतेरापाली, बनडबरी, उड़ेला, मुढीडीह, झारबंद, भंवरपुर, भालूकोना, जमदरहा, बम्हनीनडीह, खोगसा, जमनीडीह, चिपरीकोना, चपिया, रूपापाली, पड़कीपाली, पलसापाली, कांदाडोंगर, परसकोल, धनापाली, कर्राभौना, कुम्हारी, खुशरूपाली एवं पटियापाली शामिल हैं.

महासमुंद जिले के जनपद बसना भँवरपुर क्षेत्र अंतर्गत 14 ग्राम पंचायत के 32 गांवों को चयन किया गया है और इन ग्राम पँचायत को रूर्बन क्लस्टर मिसन अंतर्गत जोडा गया और कई सारे योजनाए लागू किए गए लेकिन धरातल में ग्रामीणों के रहन सहन में बदलाव लाया जा सकता था. लेकिन इन बातों पर कोई यकीन नही करेगा चुकी आज ग्रामीणों को ये आदद हो चुका है कि हम ऐसे है और ऐसे ही रहेंगे.

आज गांव गांव लोग यही कहते मिलेंगे की कोई कुछ नही कर रहा है हमे क्या करना कुछ नही कर रहा है लेकिन ऐसा नही है बात भारत सरकार की हो या राज्य सरकार की योजनाओं में राशि जारी होता है लेकिन उन राशियों का दुर्पयोग आपके द्वारा चुने गए पंचायत प्रतिनधि और उदासीनता और भ्रष्टाचार के कारण उन योजनाओ का लाभ नही मिल पाता.

आपको बता दे कि रूर्बन मिशन अंतर्गत चिन्हांकित गांवों में कचड़ा अपशिष्ट प्रबंधन भवन प्रत्येक गांवो मे स्ट्रीट लाइट, यात्री प्रतीक्षालय, बस स्टॉप, नल जल योजना, किसानों के अनाज और सब्जी रखने के किए स्टोरेज भंवन जैसे योजना रूर्बन मिसन के तहत योजना लागू किया है.

कचड़ा अपशिष्ट प्रबन्धन योजना के तहत ग्रामीण इलाकों के घर घर से कचड़ा इकट्ठा कर ठोस और तरल पदार्थ को अलग-अलग कर खाद बनाया जा सके. और गांव में कचड़ा और गंदगी ना हो रूर्बन अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों ने इस भवन का निर्माण पूरा कर लिया है.

उमारिया सरपंच सूरज कुर्रे ने बताया कि उनके ग्राम पंचायत में पूर्व कार्यकाल में कचड़ा उठाने रिक्शा दिया गया था जिसकी अभी बहुत ही हालात खराब है. चलने की स्थिति में नही है. ग्राम पंचायत उमारिया में पूर्व कार्यकाल में गिला कचड़ा सूखा कचड़ा के लिए प्रत्येक घरों में डस्टबिन दिया गया लेकिन वह भी अब देखने को नही मिलता है.

उमारिया के सरपँच ने बताया की बजट नही मिल रहा था और ना ही रख रखाव के लिए कोई फंड दिया जा रहा है. लेकिन 5 तारिक जनपद सीईओ सनत महादेवा द्वारा मीटिंग भी लिया गया प्रत्येक घरों से महिला स्व. सहायता के मदद से कचड़ा उठाने का कार्य शुरू करने कहा गया है. जल्द ही कार्य को आरम्भ किया जाएगा.

उमारिया सरपंच सूरज कुर्रे ने बताया कि प्रत्येक घरों प्रतिदिन के हिसाब से 1 रु टेक्स लेने कहा गया है. महीने में 30 रु कचड़ा उठाने के लिए टेक्स के रूप में 1 रूप लिया जाएगा. उमारिया सरपँच ने बताया कि गांव में कचरा कलेक्शन के लिए 1 ट्रेक्टर का व्यवस्था किया जाएगा. जिसमे महिला स्व. सहायता समूह के मदद से घर-घर कचड़ा कलेक्शन करेंगे और उसको कचड़ा तरल अपशिष्ट प्रबन्धन में रखा जाएगा.

सरपँच ने बताया कि भवन अभी बनाकर तैयार है आने वाले दिनों में जल्द ही कचड़ा से निपटान में रूर्बन मिशन के तहत फायदा मिलेगा. ग्राम पंचायत कुम्हारी सरपँच ने कहा कचड़ा को नाला किनारे फेंक देते है. वही रूर्बन मिशन के तहत चिन्हांकित ग्राम पंचायत कुम्हारी के सरपंच से संपर्क करने पर बताया कि अभी तो अपशिष्ठ प्रबन्धन भवन का फायदा नही मिल पाया है. भवन बनकर तैयार है सीईओ ने बैठक लेकर प्रत्येक घरों से प्रतिदिन के हिसाब से एक एक रु टेक्स लेकर कचरा उठाने के कार्य को संचालन करने कहा गया है. कुम्हारी सरपँच ने बताया कि कचड़ा उठाने वाले रिक्शा का भी हालात कैसा है मैं नही देख पाया हूं.

वही रूर्बन चयनित ग्राम पंचायत बरतिया भाठा के सचिव से संपर्क करने पर बताया कि कचड़ा अपशिष्ठ प्रबंधन बनकर तैयार है. जनपद सीईओ ने बैठक लेकर प्रत्येक घरों से एक एक रु. लेकर कचरा उठाने वाले योजना को चालू कराने बोला गया है. बरतिया भाठा पँचायत सचिव ने बताया गया कि गांव में रूर्बन मिशन अंतर्गत एक स्टोरेज भवन भी बनाया जा रहा है. जिसने किसान अपना अनाज या फल सब्जी भी सुरक्षित रख सकते है.

ग्राम पंचायत मेढापाली में पूर्व सरपँच ने गबन कर लिया रकम, रूर्बन मिशन अंतर्गत कचड़ा अपशिष्ठ प्रबंधन का भवन नही हो पाया शुरू.

ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन के नाम पर महासमुंद रूर्बन मिशन क्लस्टर अंतर्गत 14 ग्राम पंचायतों में तीन लाख से 3 लाख 50 हजार तक स्वीकृत किया गया. कई ग्राम पँचायतो ने इस भवन का निर्माण भी करवाए. लेकिन बसना जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत मेढापाली के पूर्व सरपँच सुंदर दिवान द्वारा 90 हजार रु आहरण कर लिया गया है. और सिर्फ सूचना बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया था. जिसका निर्माण कार्य आज तक चालू नही हो पाया है.

आज की स्तिथि में जिस जगह में इस भवन का निर्माण होना था उस जगह से सूचना बोर्ड भी पूरी तरह गायब हो चुका है सरपँच मेघनाथ पटेल ने बताया कि अब रूर्बन विभाग वाले मेरे को भवन बनाने दबाव बना रहे है. जबकी 90 हजार पूर्व सरपँच द्वारा आहरण कर लिया गया है.

सरपंच मेघनाथ ने बताया कि रूर्बन वाले जैसे भी करके कचड़ा अपशिष्ट प्रबंधन को निर्माण करवाने बोले है. रूर्बन क्लस्टर मिशन के जिला अधिकारी विनय वर्मा से संपर्क करने पर बताया कि इस पूरे मामले 90 हजार आहरण कर पूर्व सरपँच द्वारा भवन नही बनाने की जानकारी मिली है. रूर्बन मिसन के जिला अधिकारी विनय वर्मा ने बताया कि मेढापाली के वर्तमान सरपंच मेघनाथ पटेल द्वारा द्वारा पूर्व सरपँच के द्वारा गबन मामले में कचरा अपशिष्ट प्रबंधन के 90 हजार आहरण कार्य नही किए जाने का प्रकरण बनाकर सरायपाली अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सौप दिया गया है.

बताया गया कि इस मामले में हमारे पास कोई लिखित शिकायत नही आया है. जो भी रिकवरी और कार्यवाही होगा ओ राजस्व विभाग सरायपाली ही करेंगे.




अन्य सम्बंधित खबरें