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कांग्रेस ब्लॉक उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र नायक ने महासमुंद कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, 30 सोसायटी में शार्टेज को लेकर की आवश्यक कार्यवाही की मांग.

आज बसना मंगल भंवन में धान खरीदी को लेकर एक मीटिंग रखा गया था. जिसमे महासमुंद जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल और पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर ने बसना के धान खरीदी के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इस दौरान एसडीएम सरायपाली कुणाल दुदावत, तहसीलदार बसना, खाद्य विभाग के अधिकारी, नोडल अधिकारी, व्यवस्थापक और ऑपरेटर मौजूद थे.

कलेक्टर ने आवश्य दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि अच्छी क्वालिटी के धान की खरीदी करें. उन्होंने बताया गया कि प्रत्येक क्विंटल धान संधारण के लिए 2 रु. जारी होंगे. वहीं जिले में 10 नये धान खरीदी केन्द्र में खरीदी व्यवस्था करने के लिए एक-एक लाख रुपये जारी किए गए हैं.

कलेक्टर ने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नही किया जाएगा, जल्द ही बरदान धान खरीदी केंद्र में उपलब्ध करवा दिया जायेगा.

वहीं बैठक से बाहर आकर कलेक्टर और महासमुंन्द एसपी ने आम लोगों से मुलाकात की, जहाँ कुछ पीड़ित शिकायत लेकर पहुँचे थे, जिन्हें मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करने का भरोषा दिया गया है.

बसना कांग्रेस ब्लाक उपाध्यक्ष धर्मेंद्र नायक ने जिला कलेक्टर को शिकायत कॉपी और ज्ञापन सौपते हुये बताया है कि महासमुंद ज़िले में सत्र 2019-20 में 127 धान ख़रीदी केंद्रो में 30 ऐसे धान खरीदी केंद्र है जहाँ धान की कमी बताई गई है. जिसके कारण छत्तीसगढ़ सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. और बाकी जगह शार्टेज जीरो आया है. उन 30 खरीदी केंद्र के ख़िलाफ जांच टीम गठित कर आवश्यक कार्यवाही करने की उन्होंने  मांग की.

धर्मेन्द्र नायक ने कहा कि शार्टेज आने के बाद भी दोबारा उन्ही लोगो को धान खरीदी प्रभारी बनाया गया है. जिसमे कलेक्टर ने कहा कि अगर ऐसा हो तो उन 30 धान खरीदी केन्द्र का सूची सहित मेरे पास शिकायत करें कि किन-किन सोसायटियों में शार्टेज आने के बाद भी दोबारा प्रभार दिया गया है.

कलेक्टर पूर्व में लापरवाही बरतने वाले के ऊपर कार्यवाही के किए भरोषा दिया, कलेक्टर ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही शिकायत पर पिरदा में धान के अफरा-तफरी के मामले में कार्यवाही किया गया है. जिसमे केंद्र प्रभारी और अध्यक्ष के ख़िलाफ एफआईआर दर्ज भी कर लिया गया है.

उन्होंने कहा कि सूची के अनुसार जांच और कार्यवाही किया जा रहा है, जाँच में अगर गड़बड़ी पाया जायेगा तो एफ.आई.आर. दर्ज होगा.

कलेक्टर ने बैठक में जिन केंद्रों में धान की कमी पाया गया था उन केंद्रों में जीरो शार्टेज लाने आवश्यक निर्देश दिया गया है. जिसमे रसोड़ा, धुमाभाठा, नूनपानी, जम्हरी, रुढा, सागरपाली, पिरदा, रसोड़ा , बडेढाबा, अंकोरी, गढफुलझर, उड़ेला, सरकंडा, चनाट, कुरचण्डी, आरंगी, रिसीकेला, बिरकोनी, बड़ेसाजापाली, बिछिया बसना, भँवरपुर, सांकरा, पटेवा, बावनकेरा, बरेकेल, लम्बर, खट्टी, नूनपानी, नायकबन्धा, बिरकोनी है.

इन 30 सोसायटी के उपार्जन केन्द्र में सरायपाली और पिथौरा के उपार्जन केंद्र शामिल है सबसे ज्यादा बसना ब्लॉक के खरीदी केन्द्र है, जहाँ कमी पाई गई है. बसना के लगभग 15 उपार्जन केंद्रों में शार्टेज पाया गया है.

कांग्रेस ब्लॉक कमेटी बसना के उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र नायक का कहना है कि पिरदा से भी ज्यादा अन्य उपार्जन केंद्रों में पिरदा से ज्यादा धान कमी पाया गया है. लेकिन शिकायत के बावजूद भी उन 30 धान उपार्जन केंद्रो में कार्यवाही और वसूली क्यों नही किया जा रहा. जिसके कारण राज्य सरकार को कई करोड़ रुपयों का आर्थिक नुकसान हो रहा है.




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