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महासमुंद : डाॅ. उईके ने राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान एवं पशु रोग नियंत्रण की समीक्षा की

जिले में पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग मुक्त करने के दिए निर्देश

जिले में चल रहे राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम एवं पशुओं की पहचान के लिए टैगिंग कार्यक्रम की समीक्षा बैठक जिला पंचायत के सभागार में छ.ग. राज्य पशुधन विकास अभिकरण रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. शंकरलाल उईके द्वारा ली गई।

डाॅ. उईके ने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत् जिले मंें पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग मुक्त करने हेतु एफ.एम.डी. टीकाकरण कार्यक्रम को लक्ष्य के अनुरूप कार्य पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पशुओं की पहचान के लिए आधार कार्ड की तर्ज पर ईयर टैगिंग की जाए। अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम के तहत जिले को 12 अंकों के 3 लाख 28 हजार ईयर टैग अभिकरण द्वारा प्रदाय किया गया है जिसके विरूध्द अब तक 1 लाख 15 हजार टैग की एण्ट्री ईनाफ साफ्टवेयर में की गयी है।  इस काम में और तेजी लाने के निर्देश दिए और ईयर टैगिंग कार्य को 31 मार्च 2021 तक पूरा करने के निर्देश दिये।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ उईके ने संस्थावार अधिकारियों को विशेष रूचि लेकर समूह भावना के साथ कार्य करते हुये लक्ष्य पूर्ति करने कहा। समीक्षा के दौरान उन्होने कहा कि यह राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है, किसानों का आर्थिक विकास करना हमारा उद्ेदश्य है बेहतर परिणाम हम दे सकें इसके लिए हमें कार्य करना है। पूरे छत्तीसगढ़ में तुलनात्मक रूप से महासमुंद जिले का प्रदर्शन चिंता जाहिर की। उन्होंने अधिकारियों का कार्य कार्य में प्रगति लाने के लिए हिदायत दी। बैठक में डाॅ. धरमदास झारिया उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें, अभिकरण से डाॅ. पराग बंसोड़ तथा जिले के पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी एवं जे.के.ट्रस्ट कार्यकर्ता उपस्थित थे।




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