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महासमुन्द : विश्व श्रवण दिवस पर आयोजित शिविर में आए मरीजों ने कराई कान की जाॅच

विश्व में बहरेपन और श्रवण हानि रोकने कान और सुनने की देखभाल को बढ़ावा देने के लिए प्रति वर्ष 03 मार्च को विश्व श्रवण दिवस (वल्र्ड हियरिंग डे) मनाया जाता है। इसके लिए प्रत्येक वर्ष डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) विश्व श्रवण दिवस की थीम तय करता है। इस वर्ष की थीम ‘‘हियरिंग केयर फाॅर आॅल’’ (जाॅच, पुनर्वास, संवाद) है। इस अवसर पर जिले में राष्ट्रीय बधिरता बचाव व नियंत्रण कार्यक्रम के तहत् बुधवार 3 मार्च को जिला चिकित्सालय में एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया।शिविर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के. मंडपे ने बहरेपन की समस्या के बारें में बताते हुए कहा कि 50 के उम्र आते तक बहुत से लोग बहरेपन की समस्या से ग्रसित हो रहे है। बच्चों और युवाओं का एक बड़ा वर्ग सुनाई कम देने की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं, जो कि एक भयावह स्थिति है। राष्ट्रीय बधिरता बचाव व नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डाॅ. के. गजभिये ने बताया कि अधिक शोर से निरंतर मोबाईल एवं हेडफोन से गाना सुनने या बात करने से कान के पर्दे को नुकसान पहुंच रहा है। इससे कान में दर्द, खुजली एवं पानी बहने की की समस्या उत्पन्न हो रही है। जिससे कम उम्र में ही बहरेपन की समस्या सामने आ रहे हैं।

शिविर में कोविड-19 से बचाव के गाईड लाईन का पालन करते हुए 51 मरीजों का निःशुल्क जांच उपचार किया एवं दवाई वितरण किया गया। साथ ही 15 मरीजों को विकलांगता प्रमाण पत्र प्रदान एवं निःशुल्क श्रवण यंत्र के लिए चिन्हांकित किया गया। कान, नाक व गला रोग विशेषज्ञ डाॅ. ओमकेश्वरी साहू ने 51 मरीजों की कान की जांच की। जिसमें कुछ मरीजों को श्रवण जांच के बाद दवाई दी गई। शिविर में आडियोलाॅजिस्ट सुश्री अर्चना एवं आडियोमेट्री अस्टिेंट डोमार सिंह निषाद ने सभी मरीजों का मशीन से बधिरता का परीक्षण किया तथा शिविर में टेकलाल नायक देवकुमार डड़सेना, राम गोपाल खुंटे, सुनील साहू का विषेश सहयोग रहा।




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