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जशपुर : बंगाल में लोकतंत्र की हत्या के विरोध में भारतीय जनता पार्टी का विरोध प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा कार्यालय व भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले और लोकतंत्र की हत्या के विरोध में भारतीय जनता पार्टी नें आज 5 मई बुधवार को देशव्यापी धरना दिया, छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के नेता भी टीएमसी के खिलाफ छत्तीसगढ़ में दोपहर 2 बजे से 5 बजे के मध्य कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने अपने घर के बाहर धरने पर बैठे और विरोध किया।

धरने पर बैठे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद से हिंसा और भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओ व पार्टी कार्यालय पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या का प्रयास बताया है। उन्होंने कहा कि आज 5 मई को छत्तीसगढ़ भाजपा के सभी नेता कार्यकर्ता पूरे प्रदेशभर में टीएमसी के खिलाफ धरना दे रहे हैं, सभी बूथों, मंडलों, जिलों और प्रदेश के कार्यकर्तागण कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं,उन्होंने कहा कि हम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद तृणमूल समर्थकों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ कि जा रही हिंसा, लुटपात , हत्या , भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं के साथ दुष्कर्म और जगह-जगह भाजपा कार्यालयों को जलाने जैसी घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं, और उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या का प्रयास बताया है और हिंसा रोकने के लिए ममता बनर्जी से दखल देने की मांग भी की है, आगे उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमेशा लोकतंत्र की दुहाई देने वाली दीदी के संरक्षण में ही बंगाल में हिंसा हो रही है।चुनाव के दौरान या चुनाव के बाद विरोधी दल के कार्यकर्ताओं के साथ हिंसा को बंगाल में सत्ता पाने वाली सरकारों नें अपना चरित्र बना लिया है।

अंत मे उन्होंने कहा कि बंगाल में जो हो रहा है लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ, उन्होंने हिंसा को तत्काल खत्म कर कानून व्यवस्था बहाल करने की मांग की।रायगढ़ लोकसभा सांसद श्रीमती गोमती साय नें धरना के माध्यम से कहा कि भाजपा असम और पॉन्डिचेरी में जीती बहुमत के साथ वहां भाजपा के विरोधी दल के किसी एक भी सदस्य को खरोंच तक नही आई है और न ही भाजपा समर्थकों नें कहीं किसी भी प्रकार की हिंसा की है, सांसद गोमती साय नें बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हो रही हिंसा पर अन्य दलों की चुप्पी पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि अगर यही हिंसा बीजेपी शासित राज्यों में होती तो ये लोकतंत्र की दुहाई देते बड़े बड़े बयान जारी कर देते, अभी तक अवार्ड वापसी और मोमबत्ती गैंग मैदान में उतर चुकी होती,उन्होंने कहा कि विजयी उन्माद में आगजनी,लूट, हत्या का जो खेल तृणमूल कोंग्रेस द्वारा बंगाल में किया गया, वह इंगित करता है की ममता बनर्जी की पूरे घटनाक्रम पर सहमति है। धरने पर बैठे बिलासपुर संभाग के संगठन प्रभारी कृष्ण कुमार राय नें कहा कि राज्य प्रायोजित हिंसा और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के मौन नें बंगाल के घटनाक्रम पर शर्मनाक राजनीति को उजागर किया है, गरीब, महिला , दलितों पर अत्याचार हो रहा है और देश के तथाकथित सहिष्णु समाज का भेदनकारी मौन निन्दनीय है,उन्होंने कहा बंगाल चुनाव परिणाम के पश्चात तृणमूल कोंग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जो तांडव बंगाल की जनता व भाजपा समर्थकों के खिलाफ किया गया वह निन्दनीय, शर्मनाक और मानवता पर निर्मम प्रहार है, आगे उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भी ममता बनर्जी खुलेआम सुरक्षा बलों, भाजपा समर्थकों को धमकी दे रही थीं, ऐसे में बंगाल में हो रहे अत्याचार पर कोई निष्पक्ष कार्यवाही होगी इसमें संदेह है।   धरने में बैठे प्रदेश भाजपा मंत्री कुमार प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की तानाशाही, भयादोहन और तुष्टिकरण की राजनीति का यह परिणाम है कि, बंगाल में कोई भी सत्तारुढ़ दल के विरोधी विचार को हिंसा और राज्य के तन्त्र के माध्यम से कुचलने का प्रयास किया जाता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस देश मे अराजक,भ्रम, हिंसा की राजनीति की परिचायक व सिरमौर है किंतु आश्चर्य जनक व शर्मनाक कृत्य उनलोगों के मौन से भी झलक रहा है जो देश विरोधी अभियक्ति की आजादी के पक्षधर हैं। उक्त जानकारी देते हुए जिला भाजपा मीडिया प्रभारी फैज़ान सरवर खान नें बताया कि भाजपा के बंगाल हिंसा के विरोध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, सांसद श्रीमती गोमती साय , बिलासपुर संभाग संगठन प्रभारी कृष्ण कुमार राय, प्रदेश भाजपा मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के अलावा,पूर्व राज्य सभा सांसद राजा रणविजय सिंह जूदेव, पूर्व मंत्री गणेश राम भगत, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नरेश नंदे, जिला भाजपा अध्यक्ष, जिला महामंत्री द्वय एवं जिले के पदाधिकारी, सभी मोर्चा एवं प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, सभी मण्डलों के अध्यक्ष और बूथ अध्यक्षों नें आज अपने अपने निवास के बाहर बंगाल हिंसा के खिलाफ़ सांकेतिक धरना दिया।

धरना के अंत में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हमले में दिवंगत हुए सभी कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि भी दी गई।






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