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बसना : दो साल तीन माह की बच्ची ने रखा रोजा

महासमुंद जिले में बसना नगर की रहने वाली दो वर्ष तीन माह की बच्ची आयशा सिद्दीका अजमेरी ने 14 घण्टे 50 मिनट का एक दिन का रोजा रखा. जिससे परिजन और आसपास के लोग आश्चर्य चकित हैं.बच्ची को गर्मी के मौसम में दो दिनों का रोजा रखने से परिजन भी अचंभित हैं. साथ ही खुश भी हैं कि एक दिनों का रोजा उनकी बेटी ने रखा.रमजान शरीफ की 27 वें दिन का दिन का रोजा रख बच्ची आयशा ने सबको आश्चर्य चकित कर दिया. परिजनों के कहना है कि तपती धूप और गर्मी के महीना में लगातार करीब 14 घंटा 50 मिनट भूखे प्यासे रहकर रोजा को पूरा कर बच्ची ने साबित कर दिया हैं कि अल्लाह की मदद से छोटे बच्चे भी रोजा रख सकतें हैं|रमजान जैसे पवित्र माह में बडों के साथ छोटे छोटे बच्चे भी खुदा को प्रसन्न करने के लिए रोजे रख रहें हैं। सोमवार के दिन रोजे की इफ्तारी के दौरान पूरे परिवारजनों ने आयशा के साथ रोजा इफ्तार कर उसका हौंसला बढाया।सोमवार को माहे रमजान के 27 रोजे पूरे हो गए। इस बीच रोजा रखने में छोटे बच्चे भी पीछे नहीं है।बसना शहर में रहने वाली दो साल तीन माह की आयशा सिद्दकी अजमेरी ने आज अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा।उसके बड़े पिता सफर अजमेरी ने बताया कि ढाई साल उम्र के आयशा रोजा रखने जिद कर रही थी,और उसके चाचा बिलाल अजमेरी ने भी तीन साल के उम्र में एक दिन का रोजा रखा था , तड़के जल्दी जागकर आयशा ने सेहरी की उनके बड़े पिता सैफर अजमेरी द्वारा तोते के रटन की भाँति शहरी की नीयत पढ़ायाबच्ची के बड़े दादा दाऊद अजमेरी और छोटे दादा शब्बीर अजमेरी ने बताया कि आयशा को दिनभर एयर कंडीशन कूलर के सामने बैठाकर रखा। शाम को पूरे परिवार के साथ बैठकर उसने रोजा इफ्तार किया।उसके दादा हनीफ अजमेरी और दादी सकीला बानो ने आयशा को ईद के लिए नये कपड़ों का जोडा लाकर तोहफे में दिया।जानकारी है कि छोटे छोटे बच्चे भी रोजे रख रहे है। वे दिन भर परिवार के मार्गदर्शन इबादत कर रहे है इस दौरान अजमेरी परिवार के रोजेदारों ने नमाज के साथ देश में अमन चेन खुशहाली की दुआ मांगी।




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