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महासमुंद : कलेक्टर ने खरीफ फसल की तैयारियों की समीक्षा की

जैविक खेती को बढ़ावा देने किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करें: कलेक्टर सिंह

खाद-बीज के भण्डारण और ऋण वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए

बुवांई के समय खाद-बीज के लिए किसानों को परेशान न होना पड़े

कलेक्टर  डोमन सिंह ने आज दोपहर कृषि और उससे जुड़े संबंधित विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर खरीफ फसल 2021 की तैयारियों की गहन समीक्षा की। बैठक कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में हुई। उन्होंने अधिकारियों को जिले की सभी सहकारी समितियों में नियमित रूप से खाद-बीज का पर्याप्त मात्रा में भण्डारण सुनिश्चित करने और कृषि ऋण वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा, कृषि, सहकारिता, मार्कफेड, बीज निगम, उधानिकी, मत्स्य और बीज प्रमाणीकरण संस्था के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
 
कलेक्टर  सिंह ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के नवीन प्रावधानों तथा धान के बदले अन्य प्रमुख खरीफ फसलों की खेती एवं वृक्षारोपण करने वाले किसानों को प्रति एकड़ दी जाने वाली आदान-सहायता राशि का भी व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गौठानों में महिला समूहों द्वारा उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद के उपयोग के बारे में भी किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने माह मई और जून के निःशुल्क राशन वितरण की जानकारी ली एवं धान के उठाव में तेजी लाने को कहा।

बैठक में कृषि उपसंचालक ने बताया कि खरीफ फसल 2021 में महासमुंद जिले में 2 लाख 59 हजार हेक्टेयर में अनाज सहित दलहन-तिलहन, मक्का, गन्ना आदि की खेती का लक्ष्य है, जिसमें से 2.40 लाख हेक्टेयर में धान, जिंक धान, जैविक धान, मक्का, कोदो, कुटकी, दलहन एवं तिलहन इत्यादि फसल लेने का विशेष कार्यक्रम तैयार किया गया है। खरीफ सीजन 2021 में 76 हजार 900 क्विंटल बीज की आवश्यकता है। बीज निगम द्वारा 34 हजार 249  क्विंटल बीज की आपूर्ति की जा रही है, जबकि शेष क्विंटल बीज की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर किसानों के माध्यम से की जाएगी। समितियों में अब तक 34 हजार 240  क्विंटल बीज का भण्डारण तथा 19 हजार 600 क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि जिले में खरीफ 2021 में 98 हजार 800 मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 40 हजार मेट्रिक टन उर्वरक का भण्डारण सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में किया गया है। जिसमें से अब तक 38 हजार मेट्रिक टन उर्वरक का उठाव किसानों द्वारा किया जा चुका है।

कलेक्टर श्री सिंह ने  खाद-बीज के अग्रिम उठाव के लिए किसानों को मैदानी अमले के माध्यम से प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए, ताकि बुवाई के समय खाद-बीज के लिए किसानों को परेशान न होना पड़े। बैठक में बताया गया कि गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का भी विभिन्न समितियों में भण्डारण कराकर किसानों को दोनों कम्पोस्ट खाद, कृषि ऋण के रूप में प्रदाय की जा रही है। अब तक किसानों को 12 हजार 830 क्विंटल वर्मी एवं सुपरकम्पोस्ट खाद, जिसका मूल्य 71 लाख 64 हजार रूपए है, कृषि ऋण के रूप में उपलब्ध कराया गया है। जानकारी दी गई कि वर्ष 2021 में  379 करोड़ रूपए का कृषि ऋण वितरण किए जाने का लक्ष्य है, जिसके विरूद्ध अब तक 111 करोड़ रूपए का ऋण किसानों को दिया जा चुका है।

कलेक्टर  सिंह ने सुराजी गांव योजना के प्रमुख घटक गरूवा के तहत गांवों में निर्मित गौठानों को ग्रामीणों के स्व-रोजगार एवं आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा है कि गौठानों में स्व-रोजगार संबंधी विविध गतिविधियों का संचालन कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से निर्मित एवं उत्पादित सामग्रियों के मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने गौठानों में वृहद पैमाने पर पौध रोपण के साथ ही उसके निचले हिस्से में तालाब का निर्माण करने पर बल दिया। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि गौठानों के एरिया में ही मत्स्यपालन, पोल्ट्री एवं बकरी पालन की गतिविधिया को भी शुरू कराया जाए। उन्होंने गौठानों के बेहतर संचालन के लिए इसे आय मूलक गतिविधियों से जोड़ने की भी बात कही। उन्होंने उधानिकी को कहा कि अभी समय है गौठानो में फलदार छायादार पौधों का रोपण किया जाए ।




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