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बागबाहरा : गोधन न्याय योजना की सफलता के चलते भाजपा के "पेट में उठी मरोड़", इसीलिए अपने नेताओं को यूरिया जैसे रासायनिक खाद के लिए दिए- "गाल बजाने के आदेश" - ओम प्रकाश साहू

राज्य की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं में से प्रमुख गोधन न्याय योजना की अप्रत्याशित सफलता को देखकर तथाकथित किसान हितैषी पार्टी भाजपा पचा नहीं पा रही है और उसके पेट में मरोड़ के साथ दर्द होने लगा है। जिसके चलते किसान हितैषी का मुखौटा लगाकर हमेशा किसानों को ठगने वाली भाजपा ने अपने नेताओं को उसने गाल बजाने तथा हो हल्ला मचाते हुए सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के आदेश दिए हैं।

उक्त बातें बागबाहरा ग्रामीण के युवा कांग्रेस अध्यक्ष ओम प्रकाश साहू "गोलू" ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही है। जासूस पार्टी ने दिए हैं अपने नेताओं को राज्य की भूपेश सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के आदेश।

इस विषय में अपनी बात पूरी करते हुए ग्रामीण युवा कांग्रेस अध्यक्ष ओम प्रकाश ने कहा कि वर्तमान में केंद्र की सत्ता पर भाजपा काबिज है। और उक्त केंद्र में काबिज मोदी सरकार के द्वारा गैर भाजपा शासित राज्यों को, विशेषकर जहां-जहां देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का शासन है, उन राज्यों की सरकार को नीचा दिखाने तथा उनके शासन को अस्थिर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। साथ ही छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार अपनी जन कल्याणकारी योजनाओं जैसे- गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी न्याय योजना इत्यादि जो कि किसान हितैषी योजनाएं हैं। जिसके कारण यह केंद्र सरकार की आंखों की किरकिरी बनी हुई है। जिसके चलते आए दिन भाजपा शासित केंद्र सरकार के पेट में मरोड़ होते दिखाई देती है। और वह अपने छत्तीसगढ़ के नेताओं को बेवजह गाल बजाने का तुगलकी फरमान जारी करती है। और बेचारे उनके नेता भी अपने आका हुक्म मानने के लिए मजबूर हो जाते हैं। लेकिन इन बेचारे नेताओं को पता भी नहीं रहता कि वह क्या कह रहे हैं और किसके खिलाफ कह रहे हैं ?

आप आज जाकर किसी किसान से पूछिए क्या वह शासन की योजनाओं से दुखी है? उसका जवाब होगा नहीं। क्योंकि किसानों को भूपेश बघेल सरकार की योजनाओं के चलते कोई तकलीफ ही नहीं है। आज कांग्रेस सरकार की राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों को उनकी फसल की वह कीमत मिल रही है, जिस कीमत के विषय में आज तक किसी प्रदेश या किसी देश की सरकार ने सपने में भी न सोचा होगा।

गौ माता के संवर्धन व लालन-पालन के लिए भूपेश सरकार लेकर आई - "गोधन न्याय योजना।"

किसानों को समृद्ध करने के लिए गौ माता के संवर्धन व लालन-पालन के लिए किसान पुत्र भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार गोधन न्याय योजना लेकर आई। और जिसके चलते गोबर खरीदा गया। क्या कभी गौ माता के नाम से राजनीति करने वाली पार्टी की सरकार जो कि प्रदेश की सत्ता पर 15 साल तक काबिज रही, उसने कभी गौ वंश संवर्धन के लिए गोबर खरीदने की बात सोची थी ?
इसका जवाब भी अपने दिल्ली में बैठे आकाओं का हुक्म मानने वाले बिचारे भाजपा नेताओं के पास नहीं होगा।

यूरिया खाद की कमी बताना भाजपा के केंद्र में बैठे हुए आकाओं के द्वारा सुझाया गया प्रोपोगंडा।

आगे श्री साहू ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा के नेता यूरिया रासायनिक खाद की कमी का मुद्दा उठाकर राज्य शासन को घेरने का निरर्थक प्रयास कर रही है। वही उनके एक नवोदित नेता जसराज बाला चन्द्राकर ने तो खल्लारी विधानसभा क्षेत्र में यूरिया की कमी ही बता दी। लेकिन मैं बिना तथ्यों के गाल बजाने वाले नेता से पूछता हूं कि रसायनिक खादों की कीमत किसने बढ़ाई है? कौन कौन कर रहा है खल्लारी विधानसभा क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों की कालाबाजारी?

मैं इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताना चाहूंगा कि रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में केंद्र सरकार के द्वारा अप्रत्याशित वृद्धि की गई है। जिसके चलते मुख्यालयों से वितरण केंद्रों तक उर्वरक पहुंचने में परिवहन संसाधनों के कारण क्षणिक काल के लिए रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति में बाधा आई होगी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि राज्य में उर्वरकों की कमी है। और इस लेट लतीफी के लिए पूरी तरह से कीमतें बढ़ाने वाली मोदी सरकार ही जिम्मेदार है।

लेकिन खल्लारी विधानसभा क्षेत्र के कुछ तथाकथित भाजपा समर्थित नेता भी विधानसभा क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों की कमी के लिए जिम्मेदार हैं। प्रशासन को चाहिए कि उन नेताओं के द्वारा संचालित कृषि खाद बीज की दुकानों और उनके गोदामों पर छापा मारा जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

आगे श्री साहू ने कहा कि मैं भी किसान हूं लेकिन इन तथाकथित किसान हितैषी भाजपा नेताओं एवं उस बिचारे नवोदित आरोप लगाने वाले नेता से मैं पूछना चाहूंगा कि कृषि कार्य में यूरिया की कितनी आवश्यकता है?

इसका जवाब मैं देता हूं - "जितना सब्जी में नमक- उतना ही खेती के लिए यूरिया।"

और यह बात मैं नहीं कहता कृषि वैज्ञानिक कहते हैं। कृषि वैज्ञानिकों का तो यहां तक कहना है कि अधिक मात्रा में यूरिया के प्रयोग से जमीन बंजर हो रही है और भविष्य में वह किसी उपयोग के योग्य नहीं रह जाएगी। कृषि वैज्ञानिकों के निष्कर्षों को देखते हुए भूपेश सरकार लेकर आई गोधन न्याय योजना। कृषि वैज्ञानिकों के इस निष्कर्ष को देखते हुए भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार गोधन योजना लेकर आई और गोबर की खरीदी की। और उस गोबर को पारंपरिक केंचुआ खाद बनाकर वापस किसानों को बहुत कम कीमत पर दे रही है।

लेकिन भूपेश सरकार की सफलता को देखकर केंद्र की भाजपा सरकार जो कि सदैव गौ माता के नाम से राजनीति करते आई है वह पचा नहीं पा रही है। और उनके हुक्म के चलते उनके बेचारे नेता विवश होकर यहां वहां अपनी मुंडी घुसा कर बरसाती मेंढक की तरह टरटराते हुए नजर आ रहे हैं। और हम किसान हैं जिसके कारण हम बरसाती मेंढकों को कभी भी तकलीफ नहीं देते




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