छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक छात्रा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए व्यावसायिक परीक्षा मंडल ( व्यापम) के नियंत्रक के खिलाफ जमानती वारंट किया जारी
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक छात्रा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए व्यावसायिक परीक्षा मंडल ( व्यापम) के नियंत्रक के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही नियंत्रक को कोर्ट के समक्ष जवाब देने के निर्देश भी दिए गए हैं।
सिलेक्शन न होने पर हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका दरअसल साल 2019 के सेट एग्जाम में अभ्यर्थी भूमिका मढ़रिया का 0.6 फीसदी अंक कम आने के कारण सिलेक्शन नही हुआ था। प्रश्नों के मिलान के बाद अभ्यर्थी ने 5 प्रश्नों का मूल्यांकन गलत पाया और मूल्यांकन में सुधार को लेकर व्यापमं को आवेदन दिया,जिसपर व्यापमं ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद भूमिका ने पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। जिसपर सुनवाई में हाईकोर्ट ने व्यापमं को 45 दिनों के भीतर पुनर्मूल्यांकन कर परिणाम जारी करने का निर्देश दिया था। निर्धारित समय में भी हाईकोर्ट के आदेश का पालन ना होने के बाद याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की।
जिसपर हाईकोर्ट ने
व्यापमं नियंत्रक के खिलाफ तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा था कि क्यों ना आपके
खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। आज इस मामले में फिर से सुनवाई रखी गई
थी,लेकिन आज भी व्यापमं की ओर से कोर्ट में जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया।
जिसके बाद कोर्ट ने आज इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए व्यापमं नियंत्रक
के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है ।