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ग्राम पंचायत उरमाल में भ्र्ष्टाचार का मामला, ग्रामीणों में जोरदार आक्रोश पंचायत का घेराव, सचिव नदारत जाँच दल भी नहीं पहुंचे

मैनपुर : ग्राम पंचायत के काम जनताओं की मांग के अनुरूप न हो, जब जरूरत मन्द तक सरकार के योजना का लाभ नहीं पहुंचता, कुछ जिम्मेदार लोगों के मनमानी पर आम लोगों को उनका हक नहीं मिलता ऐसी स्थिति में भ्रष्टाचार के बु आने लगता है जिसके विरुद्ध में सैकड़ो हजारों के तादात में लोग अपना अधिकार मांगने सड़को पर उतर आते है।

ऐसा ही एक मामला गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखंड मैनपुर से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत उरमाल का मामला सामने आया है जहाँ सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने पंचायत भवन पर जमा होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर आवाज़ बुलंद किया और सरकार से अपना अधिकार मांगने लगे दूसरी ओर कुछ जिम्मेदार लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन पर त्वरित कार्यवाही करने की मांग की है।

 

ग्राम पंचायत सचिव पर गबन के आरोप..

आपको बता दें कांडेकेला के बाद मैनपुर ब्लाक के उरमाल पंचायत भी अब पंचायत भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियो में हैं बीतै चौबीस अगस्त को जनपद सदस्य इंद्राबाई नेताम और आरटीआई कार्यकर्ता परमेश्वर जैन ने पंचायत के सचिव पर अनेक निर्माण कार्यो में धांधली का आरोप लगाते हुये जनपद पंचायत में शिकायत कर जाँच की माँग की है। साथ में इन्होने सचिव पर नियम विरूद्ध राशि आहरण कर गबन करने का आरोप लगाया है।

वहीँ ग्रामीणों का कहना है कि 14वे 15वे वित्त के राशियों का भी जमकर दुरुपयोग हुआ है गाँव मे रोजगार मूलक कार्य पर भी गड़बड़ी करना बताया है साथ ही मूलभूत सुविधाओं का अभाव भी सामने आया है जैसे शौचालय, यात्री प्रतीक्षालय, सीसी रोड़, सोलर लाइट, व अन्य दर्जनों शिकायत ले कर नाराज ग्रमीणों ने जमकर पंचायत भवन में मीडिया के समक्ष अपना प्रतिक्रिया व्यक्त किया उरमाल के ग्रामीण काफी आक्रोशित थे सचिव के ऊपर कार्यवाही कराने आगे उच्च अधिकारियों तक शिकायत करने की बात कहीं है जरूरत पड़ने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है



27 अगस्त को होना था जांच, नहीं पहुंचे अधिकारी, सचिव भी गायब

ग्रामीणों का गुस्सा तब और ज्यादा बढ़ गया जब पता चला कि ग्राम पंचायत उरमाल पर जांच करने वाले अधिकारी नहीं आ रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ ग्राम पंचायत के सचिव भी गायब हो गया है, शिकायत के बाद मामले पर आज जाँच होना था जनपद पंचायत के निर्धारित समय पर शिकायत कर्ता के साथ ग्रामीण भी इक्कठा हो गये ग्यारह से दो बजे तक जाँच दल का इंतजार करते रहे और जाँच दल गाँव नही पहुँचा तो ग्रामीण आक्रोशित हो गये। वहीँ ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी मदों के राशि का दुरुपयोग किया गया है इसको प्रमुख मुद्दा उठाया है

पंचायतराज अधिनियम का हवाला देते हुये यहाँ के सचिव सुंदरलाल खरे के 20-25 वर्षो से गृहग्राम उरमाल में पदस्थ होने पर भी गहरा आपत्ति जताया है इधर जाँच दल नही पहुँचा उधर सचिव भी इस पूरे जाँच प्रक्रिया में अनुपस्थित रहा इसबात को लेकर भी शिकायत कर्ता और ग्रामीणो में भारी रोष दिखा जाँच दल नही पहुँचने को लेकर ग्रामीणो ने शिकायत को दबाने का आरोप लगाया है शिकायत कर्ता व ग्रामीण इतने गुस्से में है कि अब सडक आंदोलन की बात कह रहे हैं ।





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