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वीएलई छबिलाल खुद को जोखिम में डालकर नदी पार कर पहुंचते हैं आयुष्मान और श्रम कार्ड बनाने, दूरस्थ गाँवों में जाकर देते है लोगों को ये सेवा

गरियाबंद।शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने का ऐसा जुनून है कि अपने गांव से लगभग 25 किलोमीटर दूर उफनती नदी नाले और पगडंडियों को पार करके लोक सेवा केंद्र के ग्रामीण उद्यमी छविलाल विश्वकर्मा लोगों का आयुष्मान कार्ड और ई श्रम कार्ड बना रहे हैं। छबिलाल विश्वकर्मा वैसे तो अपने ग्राम फुलकर्रा, विकाशखण्ड गरियाबंद में ग्रामीण च्वाइस सेंटर चलाते हैं लेकिन आसपास के लोगों की मांग पर उनके गांव जाकर यह सुविधा देते हैं अभी हाल ही में अपने गांव से 25 किलोमीटर दूर ग्राम डूमरबाहरा जाकर उन्होंने शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने लोगों के आयुष्मान कार्ड और ई श्रमिक कार्ड बनाएं हैं। शासन की निर्धारित दर पर ही वे यह सुविधा देते हैं। वह अपने साथ लैपटॉप, प्रिंटर, कैमरा और जरूरी अन्य डिवाइस साथ लेकर चलते हैं और विशेष कैंप लगाकर लोगों को यह सुविधा स्थानीय स्तर पर ही मुहैया कराते हैं।

दरअसल में शासन द्वारा वर्तमान में आयुष्मान कार्ड व ई श्रमिक कार्ड लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से मनाया जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण अंचलों में भी लोक लोक सेवा केंद्र में जाकर लोग कार्ड बनवा बनवा रहे हैं। कलेक्टर द्वारा जिले के सभी पात्र और लक्षित हितग्राहियों का कार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। छबिलाल ने बताया कि उनके पास जब ग्राम डूमरबाहरा और उसके आश्रित ग्राम उन्डा के लोग कार्ड बनाने पहुंचे तो उन्होंने उसी गांव में जाकर कार्ड बनाने का मन बनाया। इसके लिए उन्होंने समीप में बह रहे हैं कोरेल नदी को पार करके और संभावित जोखिम की परवाह नहीं करते हुए गांव तक पहुंचे और 4 दिन में लगभग 200 कार्ड बनाएं। ई जिला प्रबंधक मिथिलेश देवांगन ने बताया कि जिले की सभी लोक सेवा केंद्रों में यह कार्ड शासन के निर्देशानुसार बनाया जा रहा है, इसलिए यह सुविधा मुहैया कराई जा रही है ताकि लोगों का कार्ड समय पर बन सके और उन्हें शासन की सुविधाओं का लाभ मिल सके ग्रामीण यह सुविधा पाकर खुश है और अपना कार्ड बनवा रहे हैं।




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