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टीबी रोग पर नियंत्रण हेतु बस्तर जिला ब्रॉन्ज़ मेडल के लिए नामित।

सेंट्रल टीबी डिवीजन के सदस्य करेंगे टीबी कार्यक्रम का आंकलन

जगदलपुर 18 फरवरी। टीबी रोग में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अप्रत्याशित रूप से कमी लाने के चलते बस्तर जिले को सब-नेशनल सर्टिफिकेशन ऑफ टीबी एलिमिनेशन अवार्ड 2020 ब्रॉन्ज़ मेडल के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत शासन, द्वारा नामांकित किया गया है। टीबी नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 2015 से 2020 तक टीबी की जांच में 20 प्रतिशत मरीजों में सुधार के चलते बस्तर जिले को नामांकित किया गया है।

सीएमएचओ डॉ. डी.राजन ने बताया, “टीबी नियंत्रण की दिशा में बेहतर कार्य के लिए बस्तर जिला को नामांकित किया गया है। इसके लिए सेंट्रल टीबी डिवीजन के सदस्यों की टीम बस्तर जिले मे टीबी कार्यक्रम की उपलब्धियों का आकलन करेगी। इस दौरान जिले के चिन्हांकित गावों का सर्वे किया जाएगा और क्षय रोग की जमीनी हकीकत जांची व परखी जाएगी। चिन्हांकित गांवों में सर्वे द्वारा संभावित टीबी लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान के लिये बीते दिनों जिले में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्वे करने वाली सम्बन्धित विभाग के समस्त टीमों को निर्धारित क्षेत्र या गांव में संभावित टीबी के लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान करने की जानकारी दी गयी। सर्वे के दौरान प्रत्येक टीम एक-एक घर पर दस्तक देगी । जिसमें परिवार के सदस्यों की डिटेल ली जाएगी। इस दौरान यह देखा जाएगा कि किसी को खांसी व बुखार तो नहीं आ रहा है। अगर खांसी होगी तो मरीजों को सैंपल कलेक्ट किया जाएगा। जिले में सर्वे हेतु युवोदय के वालंटियर्स सहयोग करेंगे।

जिला टीबी अधिकारी, डॉ सी.आर.मैत्री ने बताया,टीबी के संभावित मरीजों की पहचान के लिये सर्वे करवाने का उद्देश्य यह जानना है की वर्ष 2015 के बाद टीबी के रोगियों में कितनी कमी आई है। दो हफ्ते या उससे अधिक खांसी होना, दो हफ्ते या उससे अधिक बुखार होना, पिछले एक माह से सीने में दर्द रहना, तेजी से वजन और भूख कम होना, पिछले एक माह में कभी भी बलगम में खून का आना टीबी के मुख्य लक्षण हैं। यदि समय पर इन लक्षणों की पहचान न हो तो यह लक्षण खतरनाक रूप ले सकते हैं। इसलिए समय पर इलाज और पहचान जरूरी है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि टीबी सर्वे के लिये आने वाली टीम का सहयोग के लिए आगे आएं और अपनी जांच कराएं। सर्वे करने वाली टीम के सदस्य विश्व स्वास्थय संगठन (डब्लूएचओ) की एंड्राइड ऐप के द्वारा जानकारी एकत्र करेंगे।

टीबी नियंत्रण कार्यक्रम में बस्तर की पूर्व में उपलब्धि

टीबी कार्यक्रम के अंतर्गत जिले की एक बड़ी उपलब्धि भी रही। छत्तीसगढ़ शासन राज्य क्षय कार्यालय के द्वारा छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों के 15 पॉइंट इंडिकेटर रैंकिंग में बस्तर जिला वर्ष 2019 में चौथे स्थान में रहा। इसी प्रकार वर्ष 2020(जनवरी से दिसम्बर) में छत्तीसगढ़ राज्य में 88 अंको के साथ प्रथम स्थान पर रहा। बस्तर देश का एक दुर्गम क्षेत्र है और इस समयकाल (2015-20) के आखिरी एक साल में कोविड की भी चुनौतियां रही, इसके बावजूद अच्छी प्रगति हुई |




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