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जानवर के काटने पर एन्टी-रेबीज वैक्सीन अवश्य लगवाएं

विश्व रेबीज दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग ने रेबीज से बचाव के लिए जानवरों के काटने पर एंटी-रेबीज़ टीकाकरण करवाने एवं घाव को तत्काल साबुन या एंटिसेप्टिक से 15 से 20 मिनट तक बहते पानी से धोने की सलाह दी है। विभाग ने रेबीज से बचने के लिए घर के पालतू जानवरों कुत्ता, बिल्ली या अन्य पशुओं को जरूरी टीका लगवाने की अपील की है। कुत्तों को तीन महीने की उम्र में टीका लगवाना चाहिए। टीके के प्रकार के अनुसार हर तीन वर्ष में इसकी एक अतिरिक्त डोज भी लगवानी चाहिए। 

रेबीज से बचाव, इसके प्रबंधन और टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पूरी दुनिया में 28 सितम्बर को हर वर्ष विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है। रेबीज एक ऐसा वायरस है जो आमतौर पर जानवरों के काटने से फैलता है। इसके लक्षण दिखने में काफी समय लग जाता है और देर होने पर यह जानलेवा भी होता है। अगर समय रहते लोग इसके प्रति सचेत हो जाएं, तो काफी हद तक बचा जा सकता है। कुत्ता, बंदर या अन्य जानवर का काटना खतरनाक हो सकता है। इस तरह के मामलों में लापरवाही से व्यक्ति रेबीज का शिकार हो सकता है। कुत्ता या बंदर के काटने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से इलाज करवाएं और रेबीज का टीका अवश्य लगवाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कुत्ता या बंदर के काटने पर अक्सर घरेलू उपचार करने लग जाते हैं। इससे रेबीज का खतरा बढ़ जाता है। रेबीज से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।




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