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बसना : बाल लैंगिक शोषण के ख़िलाफ़ ‘अर्पण’ संस्था का अभियान, विकासखंड के 700 शिक्षक अभियान में होंगे सहभागी

बसना : बसना विकासखंड के संकुल स्रोत केन्द्र, समग्र शिक्षा बड़ेटेमरी में अर्पण संस्था द्वारा प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने के लिए ‘शिक्षकों की क्षमता निर्माण’ प्रशिक्षण में आयोजित की जा रही है.

यह प्रशिक्षण 2 से 10 नवम्बर तक जिला महासमुंद और मुंबई स्थित अर्पण संस्था द्वारा 'बाल लैंगिक शोषण' को रोकने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक और प्राचार्य जिला शिक्षा एंव प्रशिक्षण संस्थान महासमुन्द, विकासखंड शिक्षा अधिकारी जे.आर. डहरिया, विकासखंड स्रोत केन्द्र समन्वयक ललित कुमार देवता की मदद एवं मार्गदर्शन से अर्पण संस्था द्वारा प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने के लिए ‘शिक्षकों की क्षमता निर्माण’ प्रशिक्षण 2 नवम्बर से 10 नवम्बर तक सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक संकुल स्रोत केन्द्र, समग्र शिक्षा बड़ेटेमरी में आयोजित की जा रही है।

प्रशिक्षण का प्रारंभ संकुल नोडल प्राचार्य शरद कुमार प्रधान एवं संकुल समन्वयक वारिश कुमार के उदबोधन से हुआ। इस प्रशिक्षण का प्राथमिक उद्देश्य प्रमुख हितधारकों को (शिक्षक) बाल लैंगिक शोषण के मुद्दे को संबोधित करने के लिए प्रासंगिक ज्ञान और कौशल के साथ प्रशिक्षित करना है। इस प्रशिक्षण के साथ शिक्षक, माता-पिता तथा वयस्क भागीदारों के लिए इस विषय पर जागरूकता सत्र आयोजित करेंगे तथा बच्चों को उनकी आयु अनुसार जानकारी देने में सक्षम होंगे और असुरक्षित परिस्थितियों का सामना करने के लिए बच्चों को प्रभावी ढंग से तैयार करेंगे और उन्हें उपयुक्त समर्थन देंगे।
 
इस तरह, इस अभियान से बच्चों के लिए एक सुरक्षित माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी। यह अभियान बसना विकासखंड के प्रत्येक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों से प्रति दिवस 100 शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया है।

‘अर्पण’ एक पुरस्कार विजेता ग़ैर-सरकारी संस्था (एनजीओ) है। यह मुंबई सहित विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। यह संस्था भारत को बाल लैंगिक शोषण से मुक्त करने की दिशा में काम कर रही है। ‘अर्पण’ भारत की सबसे बड़ी ग़ैर-सरकारी संस्था है, जो बच्चों सहित वयस्कों के लिए बाल लैंगिक शोषण पर रोकथाम एवं हस्तक्षेप प्रशिक्षण सेवाएँ उपलब्ध कराती है। सन 2007 से, ‘अर्पण’ के कार्यों का प्रभाव 20 लाख बच्चों और वयस्कों पर हुआ है।

प्रशिक्षण के विषय इस प्रकार हैं -
बाल लैंगिक शोषण का परिचय:
सत्र में बच्चों और बच्चों के अधिकार, बाल शोषण और बाल लैंगिक शोषण के प्रकार, इनके आँकड़े, बाल लैंगिक शोषण के अल्पकालीन और दीर्घकालीन प्रभाव, पॉक्सो अधिनियम और इसके प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

लैंगिक शोषण को रोकने के लिए रोकथाम कार्यक्रम "व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा":
6 से 16 साल के बच्चों के लिए कहानी पर आधारित व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम, ऑनलाइन ई-लर्निंग कोर्स का परिचय, रोकथाम के पाठों और जीवन कौशल पर आधारित जानकारी देकर बच्चों को सशक्त बनाने के तरीके पर एक प्रस्तुति दी जाएगी।

बच्चे के ख़ुलासे के मामले को कैसे संभालें?
ख़ुलासे के प्रकार और बाल लैंगिक शोषण के मामले को संभालते समय शिक्षकों को किन कौशलों का इस्तेमाल करना चाहिए, इस पर नवीनतम जानकारी की प्रस्तुति दी जाएगी।

इस प्रशिक्षण को संचालित करने में अर्पण संस्था के अनुभवी प्रशिक्षक रसिका शिरसाट और सफीना शेख मार्गदर्शन देंगे। इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने में माननीय राजेश सिंह राणा (संचालक – एस. सी. ई. आर. टी. छ. ग. रायपुर) इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
बच्चों को व्यक्तिगत सुरक्षा सिखाने के लिए आप ‘अर्पण’ की वेबसाइट www.arpanelearn.com पर भी जा सकते हैं।




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