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बसना : गरीबों के घर के सपने पर मंहगाई भारी, वर्षो बाद भी पीएम आवास योजना की राशि जस की तश

ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पक्के मकान देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना का पुनर्गठन कर 1 अप्रैल 2016 को ग्रामीण क्षेत्र के हितग्राहियों के लिए कुल 1.35 लाख रुपये जिसमे सामग्री हेतु 1.20 लाख एवं शेष 15 हजार मजदूरी के हेतु मनरेगा योजना अंतर्गत स्वीकृत प्रदान कर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के नाम से शुरूआत की है। बढ़ती हुई महंगाई का असर अब महत्वकांक्षी योजना पर भी दिखना शुरु हो गया है। महंगाई की वजह से इस योजना का लाभ मिल जाने पर भी हितग्राहियों को उनका पक्का घर नहीं मिल पा रहा है। पीएम आवास योजना 06 वर्ष पूर्ण कर लिया है। जबकि योजना के प्रावधान वर्तमान स्थिति जस की तस बनी हुई है। 

निर्माण लागत और हितग्राहियों को प्रदाय की जाने वाली राशि मे बढ़ोतरी नही की गई है। यही कारण है कि बसना जनपद के ग्रामीण अंचल में वर्ष 2016-17 से 2019-20 के बीच स्वीकृत 13495 पीएम आवास में से 1174 हितग्राहियों के आवास वर्षो बीत जाने के बाद भी पक्के मकान का सपना अधूरा पड़ा हुआ है। नतीजा गांवो में आज किसी ने दीवाल खड़ी करके छत खुली छोड़ रखी है तो किसी ने राशि की कमी के वजह से कार्य शुरू नही किया है। तो कुछ लोगों ने शेष कार्य के लिए कर्ज लेकर मकान निर्माण का कार्य पूरा तो कर लिया है लेकिन खिड़की, दरवाजा जब प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू किया गया था। तब आवास योजना में लगने वाली सामग्रीयों की कीमत उस अनुपात से रही है। 

इसके साथ ही रेत भी सस्ते दर पर सुलभ हो जाती थी जिससे प्रत्येक हितग्राही तय मापदंड के अनुसार समय सीमा में अपना आवास तैयार कर लेता था। लेकिन बीते 2-3 वर्षो वैश्विक महामारी कोरोना काल के बाद बढ़ती मंहगाई में पहले की अपेक्षा मकान निर्माण की सामग्रियों के दाम काफी बढ़ गए हैं। वर्तमान में सरिया 8-9 हजार रुपए क्विंटल है, सीमेंट की बोरी 350 रुपए, ईट 8 हजार रुपये प्रति ट्राली मिल रही है। साथ ही रेत, गिट्टी के दाम आसमान छू रहे है जिससे मकान बनाना महंगा होता जा रहा है। जिन हितग्राहियों के पास खुद की कुछ पूंजी है वह तो मकान बना लेता है। लेकिन जिनके पास पूंजी नही ऐसे हितग्राहियों के आवास वर्षो से आधे अधूरे पड़े हुए है। 

ग्राम पंचायत कुड़ेकेल के हितग्राही बालमकुंद, हेतराम इसी प्रकार चनाट के यशोदा, कुंती, वेदमोती गुढ़ियारी के भोगनाथ, दुशिलाबाई बरगांव के पदमन, गोकुल, धीरा गढ़पटनी के खेमराज अजगरखार कमला, जैतराम खेमड़ा जम्मूबाई, वेदमोती दुर्गपाली के दीनबंधु सहित अन्य ग्राम पंचायतों के सैकड़ो हितग्राहियों ने बताया कि निर्माण सामग्रियों तथा मजदूरी की दरें बढ़ने के साथ-साथ सामग्री का परिवहन महंगा हो गया है। शासन द्वारा तय राशि में आवास निर्माण का कार्य पूरा किया जाना संभव नही है। इसलिए जब हमारे पास व्यवस्था होगी शेष कार्य पूर्ण करेगे। साथ ही बताया कि गांव और शहर में पीएम आवास योजना के तहत दी जाने वाली राशि में दुगुना अंतर है। शहर के हितग्राहियों के लिए 2.50 लाख रुपये जबकि गांव के हितग्राहियों के लिए मात्र 1.35 लाख रुपये जबकि निर्माण सामग्री के दाम तो एक जैसे ही है। नगरीय क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण की लागत ज्यादा होती है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में सभी प्रकार की सामग्रियों का परिवहन करना होता है जिस वजह से हितग्राहियों की लागत बढ़ जाती है। इसके अपेक्षा नगरी क्षेत्र में सभी सामग्रियों की सुलभता होने से परिवहन का खर्च कम रहता है। लगता है शासन जान बूझकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। हितग्राहियों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि इतनी कम राशि में पक्का मकान बनाना संभव नही है। इसलिए गांव और शहर के लिए समान राशि के साथ योजना में राशि बढ़ाने की मांग की जिससे कि पक्का मकान का सपना पूरा कर सके।



बसना जनपद में स्थायी प्रतीक्षा सूची के 6 हजार एवं आवास प्लस में जोड़े गये हितग्राहियों को आवास मिलने की आस

प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन के लिए सबसे पहले आवास विहीनता के मापदंड पर आधरित 2011 के सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना के अनुसार बसना जनपद के 102 ग्राम पंचायतों में लाभार्थियों की पहचान कर ग्राम सभा से सत्यापित कर 19430 हितग्राहियों का चयन कर स्थायी प्रतीक्षा सूची तैयार किया गया था। जिसमे वर्षवार जातिगत आरक्षण एवं प्राथमिकता के आधार पर वर्ष 2016-17 में 2210 वर्ष 2017-18 में 3936 वर्ष 2018-19 में 5569 वर्ष 2019-20 में 1290 कुल 13495 हितग्राहियों पीएम आवास स्वीकृति प्रदान किया गया। जिसमें आवास की प्रगति के अनुसार हितग्राहियों के खाते में राशि हस्तांतरित की जा रही है। वर्ष 2020-21 के स्वीकृत 2376 हितग्राहियों को स्वीकृति के बाद भी अभी तक प्रथम किस्त की राशि नही मिली है। जबकि स्थायी प्रतीक्षा सूची के शेष 3559 हितग्राहियों को स्वीकृति सहित प्रथम किस्त की राशि का इंतजार है। इस प्रकार प्रतीक्षा सूची के कुल 5935 पीएम आवास के हितग्राहियों के अलावा ग्राम पंचायतों द्वारा योजना में छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को आवास प्लस जोड़ा गया है। जो बेसब्री से पक्का मकान की आस में नजर लगाए बैठे हुए है।



अक्टूबर 2022 से अधूरे आवास अटके पैसे मिलने शुरू

कोरोना संक्रमण के दस्तक के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 4 किस्तों में मिलने वाली सहायता राशि जमा होना बंद हो गया था। जिसके कारण पीएम आवास योजना एवं निर्माणाधीन आवास पर ग्रहण लग गया था। लेकिन अक्टूबर 2022 से पीएम आवास योजना की राशि आवास के प्रगति के अनुसार निरन्तर किस्तों में मिलने के कारण अब बसना जनपद के 102 ग्राम पंचायतों में 1174 अधूरे पड़े आवास पूरे होने की आस जाग चुकी है। अक्टूबर 2022 से अब तक आवास की प्रगति के अनुसार दूसरे किस्त राशि 99 हितग्राहियों, तीसरे किस्त राशि 386 हितग्राहियों और चौथे किस्त की राशि 678 कुल 1163 हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि हस्तांरित कर दी गयी है। विकासखंड समन्वयक आशीष प्रधान ने बताया कि आवास की प्रगति के अनुरूप निरन्तर लाभार्थियों के बैंक खाते में राशि हस्तांतरित की जा रही है। जिस पीएम लाभार्थियों को आवास की प्रगति के अनुरूप किस्त की जारी नही की गयी है। हितग्राही जनपद के प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण शाखा से संपर्क कर सकते है।





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