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बसना : शिक्षा व संस्कृति के बिना ग्रामीण क्षेत्रों का विकास संभव नहीं है - देवेंद्र बहादुर

शिक्षा व संस्कृति के बिना ग्रामीण क्षेत्रों का विकास नहीं हो सकता है ना ही राष्ट्र का उत्थान संभव है। विकास का सबसे बड़ा मूल मंत्र शिक्षा के साथ हमारी संस्कृति है उक्त विचार मुख्य अतिथि के आसन्दी से संबोधित करते हुए छग वन विकास निगम के अध्यक्ष व बसना विधायक राजा देवेन्द्र बहादुर सिंह ने युवा विकास समिति बरपेलाडीह द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सरस्वती पूजा महोत्सव में ग्रामीणों से संबोधित करते हुए कहा आगे बताया कि गांव व समाज में निरंतर प्रगतिशील रहने के लिए शिक्षित होने की आवश्यकता है। 


हमें अपने बच्चों को अगर समाज में उच्च स्थान पाना है और आगे बढ़ना है और अपनी लोगों को इसके लिए आगे आना होगा। बच्चों में समाज के कार्य के साथ पढ़ाई लिखाई के संस्कार भी डालें। जिससे बच्चे आगे चल कर अपनी समाज का नाम बढ़ाएं और सरकारी पदों पर पहुंच सकें। इसी ध्येय के साथ प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल निरंतर छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं इसका प्रमाण स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी शिक्षा है जिसके माध्यम के समाज का हर वर्ग निःशुल्क अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त कर सकता है। ग्रामीणों की मांग पर गांव में सीसी रोड़ व रंगमंच निर्माण की घोषणा करते हुए युवा समिति एवं भागवत पार्टी को 10-10 हजार रुपये देने की घोषणा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक प्रतिनिधि मंजीत सिंह सलुजा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला उपाध्यक्ष इश्तियाक खेरानी, रवि कश्यप, श्याम लाल पटेल, सफेद बाघ, केशव पटेल, हेमसागर पटेल टिकेश्वर पटेल रहे। अतिथियों ने मां सरस्वती की पुजा अर्चना कर गांव एवं क्षेत्र की खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान युवा विकास समिति अर्जुन दास, संतोष मानिकपुरी, गजानंद मानिकपुरी, मिलन मानिकपुरी, लखन मानिकपुरी, कृपाराम पांडे, द्रुपत, गनपत, हेमसागर भोई, भोगीलाल, नोहर,रतन, दुर्योधन, भगतराम, लीलाधर, घुराउ सागर, तुलसी, रामनाथ, हृषिकेश सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही।




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