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कृषि उपज मंडी बसना में स्व सहायता समूह के महिलाओं को सिलाई मशीन वितरण किया गया

मौका दिया जाए तो हर नामुमकिन को भी मुमकिन में बदल सकती है महिलाएं - देवेन्द्र


महिलाएं आज हर क्षेत्र में अलग-अलग भूमिका निभा रही है।नारी सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधूरा है इसलिए हम कह सकते है कि महिलाएं समाज का स्तम्भ है। जो हमारे साथ मजबूती के साथ खड़ी हुई है।महिलायें साबित कर रही है कि अगर उन्हें मौका दिया जाए तो हर नामुमकिन को भी मुमकिन में बदल सकते है उक्त बातें मुख्य अतिथि के आसंदी से छग वन विकास निगम के अध्यक्ष एवं बसना विधायक राजा देवेन्द्र बहादुर सिंह ने कृषि उपज मंडी बसना में वन विकास निगम छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महिला समुह को सिलाई मशीन वितरण कार्यक्रम कहीं। विधायक सिंह ने आगे कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाना है तो स्वास्थ्य-शिक्षा के साथ-साथ उन्हें अधिकार और आगे बढ़ने के सुरक्षित अवसर देने होंगे। उन्हें आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए नये रास्ते बनाना भी जरूरी हैे। इसी सोच के साथ छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने के साथ उनके स्वावलंबन की नीति अपनाई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर महिलाओं की रचनात्मक क्षमता को बढ़ाने के साथ उनकी सृजन क्षमता को स्थानीय संसाधनों के साथ जोड़ा गया है। महिलाओं की व्यक्तिगत, सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़ा यह दृष्टिकोण उनके लिए विकास के नये आयाम खोलता है। इसी का परिणाम है कि लैंगिक समानता में छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर है। प्रदेश के कांग्रेस सरकार द्वारा महात्मागांधी के ग्रामीण व्यवस्था सुराजी गांव की परिकल्पना को साकार करने महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए संचालित योजनाएं नरवा, गरवा, घुरवा, बारी, रीपा के अंतर्गत संचालित योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाएं अपने स्व-सहायता समूहों के माध्यम से धरातल पर आत्म निर्भरता का एक नया इतिहास रच रही हैं। 


वन विकास निगम द्वारा निःशुल्क में वितरित की गई सिलाई मशीन से विधानसभा की हमारी बहने आर्थिक रूप सबल होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि उपज मंडी बसना के अध्यक्ष मंजीत सिंह सलुजा ने कहा कि पांच साल पहले महिलाएं के घर से बाहर निकलने पर आसपास के लोगों के ताने बाने सुनने पड़ते थे। लेकिन आज वहीं महिलाएं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार योजनाओं से महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर बन गई है। महिलाएं मुर्गी पालन, सिलाई, किराना, कपड़ा व्यापार, आटा चक्की मशीन, सब्जियां उगाकर सहित मछली पालन कर खुद कर रही है। जिसका नतीजा यह है कि गांवों से पांच साल में महानगरों की ओर होने वाला पलायन भी रूका है। 

अतिथियों ने विधानसभा के स्व सहायता समूह की अतिथियों ने कारपोरेट सामाजिक दायित्व अंर्तगत गतिविधियों संचालित हेतु 24.45 लाख की 91 सिलाई मशीन को विधानसभा के स्व सहायता समूह के महिलाओं को वितरित की गई। 

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष तौकीर सरवर दानी, जिला कांग्रेस कमेटी के जिला उपाध्यक्ष इस्तियाक खेरानी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तनवीर सईद, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय साहू, गुरुबख्श सिंह आहूजा, मंदाकिनी साहू, खालिद दानी, फूलचंद पटेल, टिकेश्वर पटेल, हेमसागर पटेल, भुकेल सरपंच सीडी बघेल, गुढ़ियारी सरपंच सुशील दिवान, चिमरकेल सरपंच गोरेलाल, प्रकाश जैन, रमेश सूर्या, दुकली बाई तांडी, तनुजा साहू, कैलाश प्रधान, राजकुमार कालू, वन विभाग के राज्य स्तर के अधिकारी मंचस्थ रहे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्व सहायता समूह के महिलाओं एवं लोगों की उपस्थिति रही।




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