बसना : आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक विकास प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता- देवेन्द्र
सिंगारपुर राशि 162.76 लाख रुपये आदिवासी बालक आश्रम का शिलान्यास
बेहतर शिक्षा आम आदमी की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है और इस बात का प्रमाण है ग्रामीण क्षेत्र के जनजाति के बच्चे जो कभी छत्तीसगढ़ी व जनजातीय बोली को ही अपना संप्रेषण का माध्यम जानते थे वह अब फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लगे है। छत्तीसगढ़ सरकार की अंग्रेजी व हिंदी माध्यम उत्कृष्ट स्कूलों से ग्रामीण व वनांचल के विशेष पिछड़ी जनजाति व आदिवासी समाज के बच्चों को भी पढ़ने के लिए बेहतर माहौल मिल रहा है। आर्थिक रूप से गरीब और कमजोर वर्ग के प्रतिभा-वान बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। उक्त बातें आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आदिवासी बालक आश्रम पिथौरा विकासखंड ग्राम सिंगारपुर के लिए स्वीकृत राशि 162.76 लाख रुपये के शिलान्यास कार्यक्रम में छ्ग वन विकास निगम के अध्यक्ष व बसना विधायक राजा देवेन्द्र बहादुर सिंह ने मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए कहीं।
विधायक सिंह ने आगे कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री भुपेश बघेल की सरकार बनते ही आदिवासियों के हित संरक्षण और उनके उत्थान के लिए लगातार कार्य हो रहे है और आगे भी होंगे। आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक विकास हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
आदिवासी बालक आश्रम सिंगारपुर सर्व सुविधायुक्त भवन सहित तमाम तरह की सुविधाएं मिलने के बाद ग्रामीण अंचल की बच्चे भी बड़े शहरों की भांति बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सकते है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जनपद पंचायत पिथौरा के जनपद अध्यक्ष सत्यभामा नाग ने कहा कि छतीसगढ़ की जनता से जो वादा प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने किया था पूरा किया।
प्रदेश सरकार गरीबों की, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग की सरकार है। किसानों की ऋण माफी, बिजली बिल हाफ, धान का उचित दाम, बेरोजगारी भत्ता सहित सभी वादों को निभाया। जबकि केंद्र की मोदी सरकार गरीबों व किसानों की नही बड़े पूंजीपतियों की सरकार है। केंद्र सरकार की नीतियों के चलते बढ़ती महंगाई से वर्ग परेशान है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सांकरा के अध्यक्ष रविशंकर कश्यप, जनपद सभपति हेमन्त कौशिक, संचालक कृषि उपज मंडी पिथौरा के रामकुमार पटेल, सरपंच ग्राम पंचायत सिंगारपुर सुलोचना बरिहा और उद्देलाल बरिहा रहे।