सरायपाली : सेक्टर रुढा आंगनबाड़ी केंद्र पुटका में पोषण माह में वजन त्यौहार का आयोजन सेल्फी जोन रहा आकर्षण का केंद्र ।।
राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत आज आंगनबाड़ी केन्द्र पुटका,सेक्टर रुढा,परियोजना केन्द्र सराईपाली में राष्ट्रीय पोषण माह अंर्तगत 15 सितम्बर 2024 को वजन त्यौहार का आयोजन गया।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास सुपरवाइजर श्रीमती दीक्षा बारीक ने ग्रामवासियों को जानकारी दी कि आंगनबाड़ी केंद्र में पालकगण अपने बच्चों का नियमित वजन अवश्य कराएं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से जानकारी लें कि बच्चों के वजन स्तर क्या है, क्योंकि बच्चे का स्तर अगर पीला या लाल रंग को दर्शित करता है तो वह कुपोषित रहता है और बच्चा एक बार कुपोषित हो जाए तो वापस रिकवर करने में बहुत समय व देखभाल की जरूरत होगी है। कुपोषण को खत्म करने के लिए ही यह राष्ट्रीय पोषण माह सितंबर में मनाया जा रहा है।
सुपरवाइजर व कार्यकर्ता ने आगे ग्रामवासियों को यह भी जानकारी दी कि आंगनवाड़ी पर हर माह वजन लिया जाता है व बच्चों के वजन का स्तर बताया जाता है इसके साथ-साथ में किशोरी बालिकाओं को रेडी टू ईट का वितरण किया नियमित रूप से नियमानुसार किया जाता है उसके साथ ही एनीमिक महिलाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट भी किया जाता है। आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती दीक्षा बारीक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ साथ बड़ी संख्या में बच्चों के माता-पिता उपस्थित थे।
गर्भवती,शिशुवती महिला,किशोरी बालिका सहित महिलाएं उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम में बताया गया कि महिला इतनी जागरूक हों कि हीमोग्लोबिन 11 ग्राम या उससे ज्यादा हो तभी वह गर्भधारण करें तो बेहतर है जिससे बच्चा गर्भ में अपना पूर्ण विकास कर सके। पूर्ण गर्भधारण काल में गर्भवती को पौष्टिक पोषण लेना आवश्यक है. इसके लिए गर्भवती को दिन में बार-बार पौष्टिक,संतुलित खाना खाते रहना चाहिए। गर्भधारण काल के दौरान समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप करवा कर पौष्टिक गोली आयरन और कैल्सियम,फोलिक एसिड डाक्टर के दिए गए निर्देश अनुसार खानी चाहिए।
आंगनवाड़ी में मिलने वाला पौष्टिक रेडी टू ईट का गर्भवती स्वयं उपयोग करें क्योंकि वह बहुत पौष्टिक होता है।यदि महिला एनीमिक है तो उसका बच्चा भी कमजोर होगा और जब बच्चा कमजोर होगा तो उसका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाएगा।एनीमिक महिला है तो उसको भी कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक नुकसान हो सकते हैं। जिसका खामीआजा उसे स्वयं ही भुगतना पड़ता है।इसके पश्चात सेक्टर पर्यवेक्षक दीक्षा बारीक द्वारा कहा गया की छत्तीसगढ़ में 36 प्रकार की भाजियां होती है यदि यही भाजी रोज खाई जाए तो एनीमिया की 70% समस्या वैसी ही हल हो जाएगी, साथ ही यदि पौष्टिक व्यंजन आपको लेना है तो इसके लिए महतारी वंदन की राशि सरकार द्वारा प्रतिमाह दिया जाता है, जिसे अपने स्वास्थ्य के लिए उपयोग कर अपने सेहत में सुधार ला सकती है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पौष्टिक व्यंजन की प्रदर्शनी लगाई गई.जिसमें यह दर्शाया गया कि इसमें सभी प्रकार के पौष्टीक तत्व होते हैं जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध मौसमी फलों का भी उपयोग करने प्रेरित किया गया.