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एटीडीसी और एसईसीएल ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के 400 बेरोजगार युवाओं को सशक्त बनाने के लिए किया समझौता
गुरुग्राम स्थित अपैरल ट्रेनिंग एंड डिज़ाइन सेंटर (एटीडीसी) और कोयला मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बिलासपुर स्थित सीआईएल की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीईसीएल) के बीच एक व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के वंचित युवाओं के उत्थान के लिए एक व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना है। कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव रूपिंदर बरार और कोयला मंत्रालय की डीडीजी संतोष की उपस्थिति में नई दिल्ली में शास्त्री भवन में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
अतिरिक्त सचिव ने एटीडीसी के साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम को लागू करने में सक्रिय और दूरदर्शी कदम उठाने के लिए एसईसीएल सीएसआर टीम को बधाई दी।
यह कार्यक्रम सीईसीएल की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल का हिस्सा है और इससे 400 उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा और उन्हें स्वरोजगार के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करेगा। इस पहल के लिए कुल 3.12 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
इस समझौते के तहत, एटीडीसी सीईसीएल बिश्रामपुर, सोहागपुर और कोरबा क्षेत्रों में गैर-आवासीय स्वरोजगार दर्जी कार्यक्रम में 300 उम्मीदवारों के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा।
इसके अतिरिक्त, 100 उम्मीदवार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एटीडीसी प्रशिक्षण केंद्र में पूरी तरह से आवासीय कार्यक्रम में भाग लेंगे, जिसमें मुफ़्त बोर्डिंग और लॉजिंग सुविधा शामिल होगी।
इन उम्मीदवारों का चयन सीईसीएल के प्रतिष्ठानों के 25 किलोमीटर के दायरे से किया जाएगा। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में एसईसीएल के निदेशक (पी) बिरंची दास, एटीडीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री राकेश वैद, एटीडीसी के महानिदेशक और सीईओ डॉ. विजय माथुर, एसईसीएल के महाप्रबंधक (सिविल/सीएसआर) आलोक कुमार और एसईसीएल तथा एटीडीसी के अधिकारी उपस्थित थे।
कोयला मंत्री के मार्गदर्शन में, इस पहल का उद्देश्य कोयला क्षेत्रों के वंचित युवाओं को सशक्त बनाना, रोजगार के अवसर पैदा करना और विकसित भारत के सपने को साकार करने में योगदान देना है।