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भारत भी चुनिंदा राष्ट्रों के समूह में शुमार, पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित लाइव सैटेलाइट को मार गिराया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आज ओडिशा स्थित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक ‘मिशन शक्ति’ नामक उपग्रह-रोधी (एंटी-सैटेलाइट यानी ए-सैट) मिसाइल परीक्षण किया। डीआरडीओ द्वारा विकसित बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर मिसाइल ने ‘हिट टू किल’ मोड में पृथ्वी की निचली कक्षा यानी लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में परिक्रमा कर रहे लक्षित भारतीय उपग्रह यानी सैटेलाइट को सफलतापूर्वक मार गिराया। यह इंटरसेप्टर मिसाइल दो सॉलिड रॉकेट बुस्टरों से लैस तीन चरणों वाली मिसाइल थी। विभिन्न रेंज सेंसरों से प्राप्त आंकड़ों ने इस बात की पुष्टि की है कि यह मिशन अपने सभी उद्देश्यों को पूरा करने में कामयाब रहा है।

इस परीक्षण से यह साबित हो गया है कि भारत बाह्य अंतरिक्ष में अपनी परिसंपत्तियों (एसेट्स) की रक्षा करने में सक्षम है। इससे इस बात की भी पुष्टि होती है कि डीआरडीओ के विभिन्न कार्यक्रम अत्यंत कारगर एवं सुदृढ़ हैं।

इस कामयाबी के साथ ही भारत भी अब उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास इस तरह की अनूठी क्षमता है। यही नहीं, इस परीक्षण ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि स्वदेशी हथियार प्रणालियां अत्यंत सुदृढ़ हैं।





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