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मोदी सरकार इनकी वजह से करेगी 2019 में सत्ता की वापसी ?, इन योजनाओ पर है लोगों को भरोसा..!

मोदी सरकार सरकार ने कई ऐसे कार्य भी किए हैं, जो कि आम जनता के हित में है. सरकार की ओर से किए गए वो कार्य से आज जन जन को लाभ मिल रहा है. इसके पहले जब कांग्रेस की सरकार केन्द्र में थी तो लोगों को ना तो योजनायों के बारें में जानकारी होती थी और ना ही उसका लाभ लोगों तक पहुँचता था. बीते चार वर्षों मोदी जी ने ऐसी योजनायें जिसका लाभ आप देश के हर व्यक्ति को लेता देख सकते है.

सर्जिकल स्ट्राइक - आज देश विकास की ओर प्रगतिशील है, अब देश में फैसले लेने वाली सरकार है तो दूसरी ओर फैसले टालने वाली सरकार का इतिहास. एक ओर वंशवाद की बहार है. एक ओर दमदार चौकीदार है तो उस ओर दागदारों की भरमार है. अपेक्षित लाइन पर ही चलते हुए मोदी जी ने उड़ी स्ट्राइक, बालाकोट पर सर्जिकल स्ट्राइक और स्पेस में लाइव सैटेलाइट को गिराकर स्पेस स्ट्राइक किए जाने की बात कही.

प्रधानमंत्री आवास योजना - प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार की एक योजना है जिसके माध्यम से नगरों और गाँव में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल घर प्रदान किये जा रहें है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार का लक्ष्य 2022 तक सभी नागरिकों को समुचित आवास मुहैया कराना लक्ष्य है. आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, पीएमएवाई के तहत मंजूर 79 लाख घरों में से अब तक सिर्फ 39 फीसदी घरों का निर्माण पूरा हो चुका है.

भ्रष्टाचार मुक्त सरकार- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की खास बात ये है कि इनकी सरकार में मंत्री भ्रष्टाचार से दूर रहे हैं. जिस तरह पिछली सरकार 2-जी स्कैम, कोयला स्कैम, कॉमनवेल्थ स्कैम, चॉपर स्कैम, आदर्श स्कैम के आरोपों में घिरी रही, उससे उलट मोदी सरकार में भ्रष्टाचार के मामले नजर ही नहीं आये.

जन-धन योजना- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में जन-धन योजना की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी. इस योजना का मकसद देश के हर नागरिक को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना था और इन योजना के तहत 31.31 करोड़ लोगों को फायदा भी मिला, आर्थिक जगत के क्षेत्र में ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है. इसने एक सप्ताह में सबसे अधिक 1,80,96,130 बैंक खाते खोलने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया.

जीएसटी- जीएसटी का मतलब है एक राष्ट्र, एक टैक्स. इस नए टैक्स सिस्टम में सभी वस्तुओं के अलग अलग टैक्स नहीं देना होगा और पूरे देश में एक ही टैक्स व्यवस्था लागू की गई है. यह साल 1991 के बाद से अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद ये वित्तीय क्षेत्र में सुधार को लेकर सबसे बड़ा कदम था. मोदी सरकार ने 1 जुलाई, 2017 को सामान और सेवा (जीएसटी) संसद के सेंट्रल हॉल में आधी रात को संसद के विशेष सत्र में शुरू किया.

उज्जवला योजना- यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उन परिवारों के लिए वरदान साबित हुई है, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं था और उन्हें खाना बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. इस योजना के माध्यम से उन परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचाया गया और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त भी किया गया. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बीपीएल राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में सेलेंडर दिया जाता है. आंकड़ों के अनुसार 3 करोड़ परिवार इसके लाभार्थी हैं.

डिजिटाइजेशन की तरह अहम कदम- मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में डिजिटाइजेशन पर काफी जोर दिया है. अब बैंकिंग क्षेत्र से लेकर अन्य सरकारी कार्यों में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा मिला है, जिससे लोगों को काफी राहत मिली है. इसमें मोदी सरकार की डिजिटल भुगतान को आसान बनाने बनाने वाली भीम एप भी शामिल है. इस एप के तहत पैसे सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते है.

मुद्रा योजना- प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) एक गैर-कार्पोरेट, गैर-कृषि लघु-लघु उद्यमों को 10 लाख तक की ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है. ये लोन पीएमएमवाई के तहत वर्गीकृत किए गए हैं, ये ऋण वाणिज्यिक बैंक, आरआरबी, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए गए हैं. उम्मीदवार इन संस्थानों से लोन ले सकते हैं.सरकारी आंकड़ों के अनुसार 23 मार्च 2018 तक कुल 2,28,144,.72 करोड़ रुपए के कुल 4,53,51,509 कर्ज आवंटित किए गए हैं. योजना के तहत कुल 2,20,596.05 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

स्वच्छ भारत अभियान- इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले साल से ही की थी और उसे कामयाबी भी मिली. इस योजना के तहत पूरे देश में सफाई के लिए विशेष कार्य किए गए हैं, जिसमें शौचालय निर्माण से लेकर कचरा निस्तारण भी शामिल है.

पहल योजना- डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर्स के रूप में सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराए जाने को लेकर फैसला किया गया है. इससे लीकेज और किसी हेराफेरी की गुंजाइश खत्म हुई है. पहल योजना के तहत एलपीजी सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराई जाती है, जिसका गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज है.  इस योजना के तहत 14.62 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे नकद सब्सिडी मिल रही है. इस योजना ने करीब 3.34 करोड़ नकली या निष्क्रिय खातों की पहचान करने और उन्हें बंद करने में भी मदद की, जिससे हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई.

पारदर्शिता- मोदी सरकार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी कई काम किए गए, जिसमें कोयला ब्लॉक आंवटन में पारदर्शी नीलामी, पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के लिए ऑनलाइन आवेदन, कई निविदाओं के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की शुरुआत की गई. साथ ही सब्सिडी जैसी सुविधाओं में पारदर्शिता की गई.

मेक इन इंडिया- मोदी सरकार ने भारत के निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मेक इन इंडिया पहल की शुरूआत की. इसके तहत कैपिटल गुड्स के साथ नई तकनीक और आधुनिकता को बढ़ावा दिया जाता है. इस स्कीम के लिए 930 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया.


बीते 4 वर्षों में दिए गए केंद्रीय बजट


केंद्रीय बजट 2014-15


आयकर छूट की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई।


सीनियर सिटीजन के लिए इस लिमिट को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया गया।


न्यूनतम मासिक पेंशन बढ़ाकर 1000 रु।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 100 करोड़ रुपये की धनराशि से की गई जो बालिकाओं को शिक्षा और लिंगानुपात में सुधार के लिए है।



केंद्रीय बजट 2015-16:


धन कर समाप्त कर दिया। इसके बजाय, 1 करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक आय के साथ सुपर रिच पर 2% अतिरिक्त अधिभार लगाया गया।


वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस 20000 से बढ़ाकर 30000 करोड़ रुपये किया गया।


सेवा कर और शिक्षा उपकर 12.36% से बढ़कर 14% किया गया।


अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की घोषणा की।


2020 तक लक्षित 20,000 गांवों का विद्युतीकरण।


शहरों में 2 करोड़ घर और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 करोड़ घर बनाए जानें का लक्ष्य।


विभिन्न राज्यों में 5 और एम्स खोलने की घोषणा।


सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शासन में सुधार के लिए बैंक बोर्ड ब्यूरो की स्थापना की जाएगी।


केंद्रीय बजट 2016-17:


स्वच्छ भारत के लिए 9500 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा।


महिला सदस्यों के नाम से परिवारों को प्रदान किए जाएंगे एलपीजी कनेक्शन।


एससी / एसटी समुदाय के सदस्यों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन की घोषणा।


परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित।


प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण के लिए कुल 97,000 करोड़ रुपये का आवंटन।


किराये के मकान में रहनेवालों को 24,000 रुपये सालाना के बजाय अब 60,000 रुपये की कर राहत। हाउस रेंट की छूट बढ़ाई गई।


नई विनिर्माण इकाइयों के लिए कारपोरेट कर की दर 25 प्रतिशत तय की गई।


केंद्रीय बजट 2017-18:


रुपये के बीच व्यक्तियों के लिए कर की मौजूदा दर। 2.5- 5 लाख रुपये को 10% से घटाकर 5% कर दिया गया है।


डिजिटल इंडिया के तहत BHIM App की घोषणा।


राजमार्गों के लिए आवंटित 64,000 करोड़।


झारखंड और गुजरात में दो और एम्स स्थापित किए जाने की घोषणा।


आईआरसीटीसी के माध्यम से बुक किए गए टिकटों पर सेवा शुल्क का उन्मूलन।


बैंकों को पुनर्पूंजीकरण के लिए 10,000 करोड़ रुपये प्रदान किए।


बजट में कृषि ऋण के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य


वर्ष 2025 तक टीबी समाप्त करने का लक्ष्य।


मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग 2020 तक समाप्त की जाएंगी।


दूसरी श्रेणी के शहरों में चुनिंदा हवाई अड्डों पर परिचालन शुरू होगा। इनका विकास पीपीपी मॉडल के तहत होगा।


रक्षा क्षेत्र के लिए 86,484 करोड़ रुपये के पूंजी व्यय सहित कुल 2,74,114 करोड़ रुपये का आवंटन।


पान मसाला पर उत्पाद शुल्क 6% से बढ़ाकर 9%, गैर-प्रसंस्कृत तंबाकू पर 4.2 से बढ़ाकर 8.3% किया गया।


केंद्रीय बजट 2018-19 :


एजुकेशन सेस को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया गया।


किसानों की आय दोगुनी करने के लिए फसलों पर डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की घोषणा की गई।


राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा के तहत 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा के तहत लाने की बात कही गई।


लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स का प्रावधान किया गया।


एक लाख रुपये तक के निवेश पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा।






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