
पर्यावरण के लिए जहर माने जाने वाली प्लास्टिक की बोतल में अब शराब बेच रही छत्तीसगढ़ सरकार !
अपने चुनावी घोषणा पत्र में शराब को बंद करने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार लगातार शराब से ही मुनाफ़ा कमा रही है. शराब की कीमतों में 10 रुपये बढ़ाने के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार शराब बेचने के लिए प्लास्टिक की बोतल में शराब बेचने जा रही है.
शराब के डैमेज से होने वाला नुकसान से बचने के लिए सरकार अब पर्यावरण की बलि देने वाली है. प्रकृति के साथ होने वाले दुष्परिणाम की स्थिति आज ऐसी बन गई है कि समय से पहले पुरे महासमुंद जिले को सुखा घोषित कर दिया है.
कभी प्याऊ घर में पानी पीने वालों लोगों का पानी पाउच और पानी बोतल अब फैशन बन चूका है. जहाँ पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोग पूरी तरह प्लास्टिक को प्रतिबंधित करना चाहते है तो वहीँ छत्तीसगढ़ राज्य सरकार अब शराब को भी प्लास्टिक की बोतल में बेचना शुरू कर दिया है.
साल भर में शराब बिक्री को लेकर राज्य सरकार जितने आकड़े जारी करती है उसके अनुसार करोड़ों की संख्या में प्लास्टिक की यह बोतलें जमीन में दबने लगेंगे जिससे वर्षा के जल का भूमिगत संचरण नहीं हो पायेगा. और पानी के लेवल की समस्या हमेशा बढती जाएगी.
कुछ दिन पहले प्लास्टिक कैरी बैग को लेकर नगर पंचायत बसना द्वारा एक आदेश जारी करते हुए 24 अप्रैल से कार्रवाही करने की बात कही गई थी. मगर पर्यावरण के लिए जागरूकता की कमी के कारण ऐसी कार्रवाही को लोग परेशानी समझते है और यह सफ़ल नहीं हो पाते है.
औसतन 70 वर्ष की आयु काल वाला यह मानव जीवन अब पूर्ण रूप से प्लास्टिक पर ही निर्भर हो चूका है. राष्ट्र और धरती को माता समझने वाले लोग भी इस कुकृत्य में अपनी बराबर की साझेदारी निभाते आ रहे है. पानी, शराब, डिस्पोजल के साथ दूध जैसी वस्तुएं भी प्लास्टिक में थैलियों में आने लगी है.
जबकि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और एनजीटी ने प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह खत्म करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के मद्देनजर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए कहा है. इसके लिए सभी राज्य सरकारों व नगरीय निकायों को निर्देश दिए गए हैं.
कई अलग-अलग रिसर्च में भी प्लास्टिक के कारण होने वाले नुकसान हो देखते हुए प्लास्टिक पर रोक लगाने की सिफारिश की जा चुकी है. विशेषज्ञों के अनुसार प्लास्टिक में शराब क्या पानी भी जहर है. ऐसे में सरकार के इस फैसले पर विवाद की स्थिति तो बन सकती है.