
CG : बांध में डूब कर बच्ची की मौत, बचा नहीं पाने के सदमे में मौसी ने भी दे दी जान, गांव में पसरा मातम
गरियाबंद। जिले के छुरा थाना क्षेत्र से दिल दहला देने वाला मामला सामने आ रहा है, यहां बहन की बेटी को डुबने से न बचा पाई मौसी आत्मग्लानि में ऐसी डूबी कि खुद की जान दे बैठी। बच्ची की मौत दोपहर में हुई। मौसी ने रात में फांसी पर झूलकर जान दे दी।घटना पलेमा की है। इस वाक्ये से गांव समेत पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गहरे पानी से बाहर निकाली गई लाश
मिली जानकारी के मुताबिक 6 साल की सारिका ठाकुर मूलत: कामराज गांव की रहने वाली थी। गर्मी की छुट्टियों में अपनी मां के साथ नानी गांव यानी पलेमा आई थी। शनिवार को सारिका अपनी 21 साल की मौसी पानो सोरी के साथ झुलनमारी डैम गई थी। गर्मी के दिनों में इस डैम का जल स्तर नीचे चला जाता है। इन दिनों में गांव के लोग आमतौर पर यहां घोंघी बिनने जाते हैं। पानो और सारिका भी इसीलिए गए थे।
बताते हैं कि घोंघी बिनने के दौरान पानो और सारिका एक-दूसरे से दूर चले गए। संभवत: इसी दौरान सारिका गहरे पानी में चली गई। उसे तैरना नहीं आता था। पानो ने जब ध्यान दिया, तो उसे सारिका कहीं नजर नहीं आई। मदद के लिए उसने चीख-पुकार मचाई। आसपास मौजूद लोग मदद के लिए इकट्ठा हुए। सारिका की खोजबीन शुरू हुई। कुछ देर बार ग्रामीणों ने गहरे पानी से सारिका की लाश बाहर निकाली।
फिलहाल पूरे गांव में शोक का माहौल है। सारिका की मां और नानी बार-बार बेसुध हो रही हैं। वहीं पानो के परिजन भी अपनी जवान बेटी को खोकर टूट चुके हैं। मोहल्ले के लोग भी इस घटना से आहत हैं क्योंकि यह सब कुछ अचानक हुआ, जो बेहद दुखद रहा।
परिवार एक ओर जहां 6 साल की नन्हीं बच्ची को खो चुका, तो दूसरी ओर उसे बचा नहीं पाने की टीस में जवान बेटी भी अपनी जान दे बैठी। छुरा पुलिस के मुताबिक मामले में मर्ग कायम कर विवेचना की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। तब तक हर पहलु पर जांच जारी रहेगी।
परिजनों ने बताया कि इस घटना ने पानो के मन-मस्तिष्क पर बहुत बुरा असर डाला। बच्ची की मौत के बाद से वह लगातार रो रही थी। खुद को दोष दे रही थी। गुमसुम हो गई थी। रात में भी वह शांत रही। घर में किसी से बात नहीं की। परिवार को लगा कि सदमे में है। कुछ समय में ठीक हो जाएगी।
सुबह करीब 5 बजे के करीब परिवार के सदस्य सोकर उठे, तो पानो को फांसी पर लटका पाया। घर में एक बार फिर चीख-पुकार मची। पड़ोसी घर की ओर दौड़े। बात फैलते देर न लगी और कुछ ही देर में पूरा गांव पीड़ित परिवार के घर इकट्ठा हो गया था। चौबीस घंटे के भीतर एक घर में दो मौतों ने ज्यादातर ग्रामीणों को स्तब्ध कर दिया है।