
महासमुंद : जैविक खेती को बढ़ावा देने बोडराबांधा में आयोजित हुआ जिला स्तरीय कृषि मेला, बीज एवं कीट नियंत्रण किट का निःशुल्क वितरण
जिले में किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करने एवं उन्नत जैविक तकनीकों की जानकारी देने के उद्देश्य से जिला स्तरीय जैविक कृषि मेला सह कृषक-वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन आज बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम बोडराबांधा स्थित माध्यमिक शाला परिसर में किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महासमुंद लोकसभा सांसद रूपकुमारी चौधरी रहीं। विशेष अतिथि के रूप में जिला पंचायत उपाध्यक्ष भीखम सिंह ठाकुर, अपर कलेक्टर रवि राज ,ठाकुर कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, कृषि वैज्ञानिक, जनप्रतिनिधिगण, जैविक खेती से जुड़े विशेषज्ञ, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में कृषक सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि रूपकुमारी चौधरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रासायनिक खेती ने उत्पादन तो बढ़ाया है, लेकिन भूमि की उर्वरता को हानि भी पहुंचाई है। अब समय आ गया है कि हम प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए जैविक खेती को अपनाएं। जैविक खेती न केवल पर्यावरण को संरक्षित करती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। हमारी सरकार किसानों को जैविक खेती की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान रसायनिक खाद के उपयोग को जगह धीरे धीरे जैविक और प्राकृतिक खाद का उपयोग व्यवहार में लाएं।इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि उत्पादन के साथ मिट्टी को भी बचाना है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष भीखम सिंह ठाकुर ने कहा कि जैविक खेती के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए कृषि विभाग, वैज्ञानिक समुदाय और किसानों के बीच समन्वय अत्यंत आवश्यक है। इस मेले से किसानों को जैविक खाद, कीट नियंत्रण विधियों, बीज चयन एवं विपणन की बेहतर जानकारी मिली है।
इस मौके पर आयोजित कृषक-वैज्ञानिक परिचर्चा में कृषि विज्ञान केंद्र महासमुंद एवं जैविक खेती से जुड़े विशेषज्ञों ने किसानों को जैविक खाद निर्माण, कीट प्रबंधन, फसल चक्र, जैव उर्वरक उपयोग, बाजार से जोड़ने की रणनीति आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी।
कृषि विभाग की ओर से बीज मिनी कीट वितरण
उप संचालक कृषि एफ.आर. कश्यप ने बताया कि मेले के दौरान किसानों एवं कृषक समूहों को जैविक खेती से संबंधित सामग्री, मिनी किट, बीज एवं कीट नियंत्रण किट का निःशुल्क वितरण किया गया। साथ ही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर किसानों को प्रोत्साहित किया गया।
कृषि मेला परिसर में विभिन्न विभागों, स्टार्टअप्स एवं कृषक उत्पादक कंपनियों द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए गए, जहां जैविक उत्पाद, खाद-बीज, कृषि यंत्र एवं नवाचारों की जानकारी दी गई। बड़ी संख्या में किसानों ने इन स्टॉल्स का अवलोकन किया और विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष संवाद किया।