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महासमुंद : वैकल्पिक उर्वरक का समितियों में भंडारण, कृषकों को अपनाने की दी जा रही सलाह

वर्तमान में डीएपी की समस्या को देखते हुए शासन द्वारा वैकल्पिक उर्वरक के रूप में कृषकों को 20ः20ः0ः13 यूरिया, पोटाश, एस.एस.पी. पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने हेतुसमितियों में भण्डारण किया जा रहा है।

वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सरायपाली ने बताया कि 25 जून को सरायपाली विकासखण्ड अंतर्गत 9 सहकारी समितियों में उर्वरक का भण्डारण किया गया है। जिसमें 20ः20ः0ः13 उर्वरक का सहकारी समिति चिंवराकुटा में 31 टन, कोटद्वारी (बलौदा) में 25 टन, रिसेकेला में 31 टन, गेर्रा में 20 टन, जंगलबेड़ा में 30 टन एवं सरायपाली में 23 टन भंडारण किया गया है।

 इसी तरह डीएपी उर्वरक को सहकारी समिति तोषगांव में 16 टन, तोरेसिंहा में 15 टन एवं सरायपाली में 12 टन भंडारित किया गया है। इसके अलावा जैसे ही फॉस्फेटिक उर्वरक किसी समिति में 05 टन से कमी होता है, तो डीएपी अथवा डीएपी के जगह वैकल्पिक उर्वरक जैसे - 12ः32ः16, 20ः20ः0ः13, एस.एस.पी. के भण्डारण की व्यवस्था तत्काल की जाती है। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषकों को डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में उक्त उर्वरक अपनाने हेतु सलाह दिया जा रहा है।


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