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'सेवा ही साधना है' की राह पर अदाणी और डीएमआईएचईआर आए साथ

अहमदाबाद, 27 जून, 2025: अदाणी ग्रुप की सीएसआर इकाई, अदाणी फाउंडेशन ने महाराष्ट्र स्थित डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च (डीएमआईएचईआर) के साथ साझेदारी की है, जिसका उद्देश्य डीएमआईएचईआर को किफायती स्वास्थ्य सेवा शिक्षा और सेवा वितरण के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस / सीओई) बनाना है।

यह साझेदारी अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी की सोच 'सेवा ही साधना है' से प्रेरित है और यह दर्शाती है कि अदाणी समूह मानता है कि बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा तक सबकी पहुँच होना देश के विकास की बुनियाद है।

भारत के हेल्थकेयर एजुकेशन सिस्टम का सशक्तिकरण डीएमआईएचईआर के साथ यह साझेदारी शैक्षणिक नवाचार, क्लिनिकल रिसर्च और समुदाय के बेहतर स्वास्थ्य के क्षेत्र में संस्थान की पहुँच और प्रभाव को बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

फिलहाल डीएमआईएचईआर के अंतर्गत:

15 संस्थान और 5 टीचिंग अस्पताल संचालित हैं 13 विषयों में 217 शैक्षणिक कार्यक्रम चलते हैं, जिनमें अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट, सुपर-स्पेशलिटी, डॉक्टोरल और फेलोशिप कोर्सेस शामिल हैं। यह सहयोग अदाणी ग्रुप के 'टेंपल ऑफ हेल्थकेयर' के विचार के अनुरूप है, जो अस्पतालों को सिर्फ इलाज के स्थान के रूप में नहीं, बल्कि सेवा, गरिमा और करुणा से भरे संस्थानों के रूप में देखता है।

प्रगति औऱ सेवा के लिए साझा दृष्टिकोण

अदाणी फाउंडेशन और डीएमआईएचईआर की यह साझेदारी एक ऐसे भविष्य को बढ़ावा देगी, जहाँ स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा न केवल गुणवत्तापूर्ण हों, बल्कि किफायती और व्यापक रूप से उपलब्ध भी हों। यह सहयोग अदाणी फाउंडेशन के उस संकल्प का प्रतीक है, जिसमें सेवा को उद्देश्यपूर्ण माध्यम मानकर समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने का प्रयास किया जाता है, जहाँ अवसर, पहुँच और संवेदना मिलकर बदलाव की नींव रखते हैं।

इस मौके पर अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन, डॉ. प्रीति अदाणी ने कहा, "डीएमआईएचईआर के साथ यह सहयोग हमारे उस विश्वास को उजागर करता है कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक पहुँच हर नागरिक का अधिकार है, कोई विशेषाधिकार नहीं। हमें गर्व है कि हम एक ऐसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना का हिस्सा बने हैं, जो शैक्षणिक नवाचार, क्लिनिकल रिसर्च और सामुदायिक सेवा को एक मंच पर लाएगा। हमारा उद्देश्य एक ऐसा मॉडल बनाना है, जो गरिमा के साथ सेवा करे और वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत' के लक्ष्य में सार्थक योगदान दे सके।"

डीएमआईएचईआर के संस्थापक, दत्ता मेघे ने कहा कि "इस साझेदारी का साकार रूप लेना मेरे लिए अत्यंत गर्व की बात है। पिछले 35 वर्षों में आत्मनिर्भर स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली का हमारा सपना अब एक वास्तविकता बन चुका है। अदाणी फाउंडेशन के साथ यह सहयोग, क्षेत्रीय ही नहीं, राष्ट्रीय विकास की दिशा में भी एक निर्णायक कदम है। 'विकसित भारत 2047' की भावना के अनुरूप, यह भागीदारी समावेशी और सतत प्रगति के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अदाणी फाउंडेशन का योगदान

अदाणी फाउंडेशन 1996 से पूरे भारत में मानव विकास से जुड़ी योजनाओं में सक्रिय रूप से निवेश कर रहा है। यह फाउंडेशन देश के 21 राज्यों के 7,060 गाँवों में कार्यरत है, जो कि शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, सतत आजीविका, जलवायु संरक्षण और समुदाय विकास जैसे क्षेत्रों के माध्यम से 96 लाख से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।

शिक्षा से जुड़े प्रमुख संस्थान:

अदाणी यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद: वर्ष 2015 में स्थापित यह यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सस्टेनेबिलिटी और मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में विशेष कार्यक्रम प्रदान करता है। वर्ष 2022 में गुजरात विधानसभा द्वारा इसे आधिकारिक मान्यता दी गई। यह अदाणी इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशन एंड रिसर्च (एआईईआर) द्वारा प्रायोजित है। अदाणी फाउंडेशन स्कूल्स: देशभर में फाउंडेशन द्वारा संचालित 41 स्कूलों के माध्यम से समग्र शिक्षा प्रदान की जा रही है।

इन 41 स्कूलों (जिनमें चार अदाणी विद्या मंदिर भी शामिल हैं) को 'ज्ञान के मंदिर' के रूप में विकसित किया गया है, जहाँ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ऐसा वातावरण दिया जाता है, जो छात्रों में ज्ञान, आत्मविश्वास और नैतिक मूल्यों की मजबूत नींव रखता है।

अदाणी विद्या मंदिर (एवीएम): गुजरात के अहमदाबाद और भद्रेश्वर, छत्तीसगढ़ के सरगुजा और आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टनम में संचालित अत्याधुनिक कैंपस में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को पूरी तरह नि:शुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाती है।

अदाणी स्कूल्स: देशभर में फैले 37 रियायती स्कूलों के माध्यम से छात्रों को मूल्य-आधारित शिक्षण, अनुभवात्मक शिक्षा और कौशल विकास की पहल के जरिए समग्र विकास का अवसर दिया जा रहा है।

उत्थान: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप, उत्थान प्रोजेक्ट सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक दक्षता को मजबूत करने पर केंद्रित है। इस प्रयास में 'प्रिय विद्यार्थियों' (प्रगतिशील शिक्षार्थियों) को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। प्रत्येक विद्यालय में एक 'उत्थान सहायक' नियुक्त किया जाता है, जो परिवर्तन की प्रक्रिया को समर्पित रूप से आगे बढ़ाता है।

गुजरात अदाणी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जीएआईएमएस), भुज: यह पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत संचालित मेडिकल कॉलेज है, जिसमें 790 बिस्तरों वाला मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल भी शामिल है। एक 27 एकड़ में फैला हरा-भरा परिसर है, जो हर वर्ष स्नातक चिकित्सा छात्रों के लिए 150 और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए 94 सीटें प्रदान करता है।


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