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महासमुंद : "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत ग्राम मोहगांव सहित कई ग्रामों में हुआ 3000 पौधों का वृहद वृक्षारोपण

रथयात्रा पर्व के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अद्वितीय पहल

रथयात्रा जैसे पावन पर्व के शुभ अवसर पर ग्राम पंचायत मोहगांव एवं इसके आश्रित ग्रामों में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अत्यंत सराहनीय एवं प्रेरणास्पद पहल की गई। "एक पेड़ मां के नाम" एवं "एक आदमी, एक वृक्ष – सुनहरा हो भविष्य" जैसी जन-जागरूकता थीम के अंतर्गत वृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया गया, जिसमें कुल 3000 पौधों के रोपण का संकल्प और क्रियान्वयन किया गया।

अभियान की शुरुआत - मोहगांव के लाताब मेड़ से

इस विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत ग्राम मोहगांव के छोटे लाताब मेड़ पर की गई, जहां ग्राम सरपंच विजय बारीक, पंच प्रतिनिधि मोहन लाल साहू, एवं उमाशंकर प्रधान की गरिमामयी उपस्थिति में पौधारोपण किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व पर्यावरण प्रेमी एवं ग्राम के सक्रिय नागरिक योगेश कुमार बढ़ाई द्वारा किया गया, जिनके प्रयासों से यह पहल ग्राम स्तर से क्षेत्रीय स्तर तक एक आंदोलन का रूप ले रही है।

थीम का संदेश – एक पेड़, मां के नाम

इस अभियान के पीछे भावनात्मक संदेश यह है कि हर व्यक्ति कम से कम एक पौधा अपनी मां के नाम से रोपे और उसकी देखरेख करे, ठीक वैसे ही जैसे मां अपने बच्चों की करती है। यह अभियान सिर्फ पौधारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रोपा गया हर पौधा जीवित और संरक्षित रहे। आयोजकों ने यह संदेश दिया कि "पौधा कहीं भी लगाओ, लेकिन साल में कम से कम एक पौधा जरूर लगाओ और उसे सुरक्षित भी रखो।"

संयुक्त प्रयास और सहयोग

कार्यक्रम के दौरान सरपंच विजय बारीक ने पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता व्यक्त करते हुए कहा,

"हमारा अस्तित्व पेड़ों से जुड़ा है। पेड़ हैं तो हम हैं, बिना पेड़ों के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे प्रयासों से समाज में जागरूकता आएगी और भावी पीढ़ी को सुरक्षित पर्यावरण मिलेगा।"

उन्होंने योगेश कुमार बढ़ाई को इस पहल के लिए शुभकामनाएं दीं और भविष्य में हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया।

वृहद पौधारोपण – क्षेत्रवार विवरण

इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में निम्नानुसार पौधारोपण किया गया/किया जाएगा:

चनौरडीह – 500 पौधे

अरंड – 500 पौधे

कुटेला – 500 पौधे

सरायपाली (मेदनीपुर) – 1000 पौधे

मोहगांव – 200 पौधे

जामजुड़ा – 300 पौधे

इस प्रकार कुल 3000 पौधों के रोपण का कार्य किया गया, जो कि ग्राम स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। सभी पौधों की प्रजातियों का चयन स्थानीय जलवायु, मिट्टी और पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए किया गया है ताकि उनका विकास सुचारू रूप से हो सके।

सामाजिक सहभागिता और जन-जागरूकता

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण, युवावर्ग, महिलाएं, एवं स्कूली बच्चों ने भाग लिया। हर किसी ने यह संकल्प लिया कि वे न केवल पौधा लगाएंगे, बल्कि उसकी देखभाल भी स्वयं करेंगे। इससे ग्रामीणों में पर्यावरण के प्रति नई चेतना जागृत हुई है।


निष्कर्ष:

"एक पेड़ मां के नाम" जैसी पहल सिर्फ एक पर्यावरणीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह समाज में भावनात्मक जुड़ाव और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक है। श्री योगेश कुमार बढ़ाई एवं उनकी टीम का यह प्रयास न केवल सराहनीय है, बल्कि यह अन्य ग्रामों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी बन सकता है। यदि हर ग्रामवासी इस संदेश को आत्मसात कर एक पौधा रोपे और उसका पालन करे, तो निश्चित ही हमारा भविष्य हराभरा और सुरक्षित होगा।


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