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CG : वृक्षारोपण दिवस पर जोबी कॉलेज में पौधरोपण कार्यक्रमः प्रकृति से जुड़ने का अमूल्य अभ्यास

शहीद वीर नारायण सिह शासकीस महाविघालय जोबी-बर्रा में शनिवार को वृक्षारोपण दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों, सहायक प्राध्यापकों और स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और हरियाली को प्रोत्साहित करना था।

प्राचार्य श्री रविन्द्र कुमार थवाईत के निर्देषानुसार हुए इस कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक एवं रेडक्रॉस प्रभारी अधिकारी योगेन्द्र कुमार राठिया ने कहा कि “वृक्ष केवल ऑक्सीजन नहीं देते, वे हमारी संस्कृति, स्वास्थ्य और भविष्य की नींव हैं।“ इस अवसर पर नीम, तुलसी, करंज, अमरूद, बरगद, पीपल और भी अन्य फलदार एवं छायादार वृक्षों का रोपण किया गया। वनस्पतिशास्त्र के प्रख्यात विद्वान और सहायक प्रध्यापक एवं एन.एस.एस. प्रभारी अधिकारी सुरेन्द्र पाल दर्षन ने समझाया कि नीम को उसकी औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, जो वायु को शुद्ध करता है और अनेक रोगों से बचाव करता है। तुलसी, जिसे भारतीय संस्कृति में पवित्र माना जाता है, न केवल वातावरण को शुद्ध करती है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करती है। करंज वृक्ष जल संरक्षण में सहायक होता है और इसकी छाया गर्मी में राहत देती है। अमरूद का पौधा न केवल फल प्रदान करता है, बल्कि इसकी पत्तियाँ भी औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। 

ऐसे ही सहायक प्राध्यापक एवं रेडक्रॉस प्रभारी अधिकारी श्री योगेन्द्र कुमार राठिया ने अन्य क्षेत्रीय वन, विद्यार्थियों ने जिनके नाम तक नही सुने थे, कौन स्वास्थ्य वर्धक हैं और किनमें जहरीले तत्व है, उनकी पहचान करा कर, वृक्षों की महत्ता और उनके वैज्ञानिक लाभ एवं पर्यावरणीय संतुलन में उनकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया। गौरतलब हो कि इस दौरान ने उपस्थित सभी जनों ने अपनी-अपनी भूमिका निभाई। जिसमें कार्यालय सहायक महेश सिंह सिदार, रोषन राठिया, मोहन सारर्थी ने विद्यार्थियों को पौध रोपड़ के लिए गड्ढ़ा खोदने, पौधे की बढ़त और सही दिषा देने के लिए सहारा देने, पषु से बचाव के लिए घेरा बनानो सहित सही मात्रा में खाद और पानी देने जैसे तौर तरीकों से भली-भांति अवगत कराया। विद्यार्थियों में भी गोलू, राधिका और अंजलि सहित सभी ने भी ‘एक छात्र-छात्रा, एक वृक्ष’ अभियान की शपथ ली और यह संकल्प लिया कि वे लगाए गए पौधों की देखभाल स्वयं करेंगे। कार्यक्रम के अंत में एक स्थानीय संगीत के माध्यम से वृक्षों के महत्व को रेखांकित किया गया, जिसने सभी उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। यह पहल न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बनी, बल्कि विद्यार्थियों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, जिम्मेदारी और प्रेम की भावना भी जागृत हुई।


महाविद्यालय में योगाभ्यास बना स्वास्थ्य और एकाग्रता का आधार


जोबी महाविद्यालय में योग दिवस के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों की तैयारी के में लगने वाले टाइम अथवा खाली समय के बीच समय निकाल कर सहायक प्राध्यापक एवं एन.एस.एस. अधिकारी दर्शन और उनके षिष्यों की टीम योगाभ्यास में लग जाती है और शेष विद्यार्थिर्यों को भी अपनी आकर्षित करती है। इस बार भी योग दिवस पर ऐसा ही हुआ जब सहायक प्राध्यापक एवं एन.एस.एस. अधिकारी सुरेन्द्र पाल दर्षन, वासुदेव प्रसाद पटेल, योगेन्द्र कुमार राठिया और डॉ. ज्ञानमणी एक्का एवं मुख्य लिपिक पुरूषोत्तम लाल अनन्त नियत समय पर योगासन जमा कर बैठ गए। देखते ही देखते विद्यार्थियों की बैठक भी ठीक सामने जम गई। आयोजित योगाभ्यास से नई ऊर्जा और मानसिक शांति का संचार, नियमित रूप से प्राणायाम, सूर्य नमस्कार और ध्यान जैसी क्रियाओं में भाग लेने का अभ्यास बढ़ा और स्फूर्ति जागी।


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