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सरायपाली : अंचल के विभिन्न स्कूलों में गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व उत्साह पूर्वक मनाया गया

छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार विद्यार्थियों में अपने गुरुओं के प्रति सम्मान, श्रद्धा एवं समर्पण का भाव जागृत करने हेतु शासकीय उच्च प्राथमिक शाला रिमजी, संकुल सिंघोड़ा में गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व को धूमधाम से मनाया गया। छात्रों द्वारा माता सरस्वती पूजा के साथ सभी गुरुजनों को नारियल, तिलक, पुष्पर्पित कर पूजन किया गया। शिक्षक डोलामणी चौहान द्वारा गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व के इतिहास एवं महर्षि वेदव्यास जी ग्रंथों एवं उपलब्धियां पर प्रकाश डाला गया। प्रभारी प्रधान पाठक ओमप्रकाश साव द्वारा सभी बच्चों को आभार व्यक्त कर शुभकामनाएं दी गई। सभी छात्रों द्वारा सभी शिक्षकों की परिक्रमा गीत गायन के साथ की गई। छात्रों के साथ शिक्षक भी भावुक हो गए। भारतीय संस्कृति एवं इतिहास के अनुसार गुरु पूर्णिमा उत्सव का विशेष महत्व है। इसी प्रकार शासकीय प्राथमिक शाला सिरशोभा में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया। प्रधान पाठक दुर्वादल दीप, सहायक शिक्षक राजकुमार भोई एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उत्तरा नायक का बच्चों ने श्रीफल पेन गुलदस्ता भेंटकर चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया।प्रधान पाठक दीप ने महर्षि गुरु वेदव्यास के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। बच्चों को बूंदी प्रसाद देकर मुंह मीठा कराया गया।

शास.प्राथ एवं उच्च प्राथ. शाला लांती में गुरु पूर्णिमा का पर्व अत्यंत श्रद्धा और उत्साह से मनाया गया। यह दिन गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने और उनके मार्गदर्शन को सम्मान देने का दिन है।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रधान पाठक सत्यम स्वरूप पटेल सर द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। इस पावन अवसर पर अजय अग्रवाल, दुष्यंत पटेल, पद्मलया साहू , अक्षय कुमार साहू प्रधान पाठक प्रा. शा. लांती की गरिमामयी उपस्थिति रही।

छात्रों ने सरस्वती वंदना, देशभक्ति गीत, और गुरु की महत्ता पर प्रकाश डाला। सभी वक्ताओं ने गुरु की भूमिका पर गहन और प्रेरणादायक विचार रखे:

सत्यम पटेल सर ने कहा, "गुरु केवल ज्ञान नहीं, चरित्र भी गढ़ते हैं।"

अजय अग्रवाल सर ने प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा और आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के बीच पुल बनाने की बात कही।

दुष्यंत पटेल सर ने शिक्षक को जीवन निर्माता बताया।

श्रीमती पद्मलया मैडम ने छात्रों को मेहनत, अनुशासन और आदर का महत्व समझाया।

अक्षय कुमार साहू सर ने कहा, "गुरु ही अज्ञान से प्रकाश की ओर ले जाते हैं।"

अंत में सभी ने एक स्वर में संकल्प लिया —
"हम अपने गुरुजनों का सम्मान करेंगे, सीखने की ललक बनाए रखेंगे, और अच्छे नागरिक बनेंगे।"

गुरु पूर्णिमा 2025 ने यह याद दिलाया कि समय चाहे कोई भी हो, गुरु का स्थान सर्वोपरि होता है।
"गुरु ही जीवन के अंधकार में ज्ञान का दीपक हैं।"

शासकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पाटसेन्द्री एवं बोईरमाल में गुरुपूर्णिमा धूमधाम से मनाया गया।

आज गुरुपूर्णिमा के अवसर पर बच्चों द्वारा पूरे स्टॉफ का तिलक लगाकर सम्मान किया गया।स्वागत और सम्मान के पश्चात शिक्षक राजेंद्र कुमार निर्मलकर ने गुरुकुल के शिक्षा के बारे में बताया । कक्षा 8वीं के छात्र भूपेन्द्र चौहान ने गुरु के भूमिका केवल छात्र तक सीमित नही है बल्कि गुरु की भूमिका पूरे समाज मे बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है बताया। प्रधान पाठक चन्द्रभानु पटेल ने बच्चों को गुरुकुल में गुरु की भूमिका गुरुकुल के छात्र को सिर्फ शैक्षणिक ज्ञान ही नही दिया जाता था बल्कि शारीरिक एवं व्यवहारिक ज्ञान भी दिया जाता था। गुरु की भूमिका कल भी था और आज भी गुरु की भूमिका है बताया। अंत में बच्चों को बून्दी और मिक्चर दिया गया।आज गुरुपूर्णिमा के अवसर पर गमला में पौधा रोपण किया गया एवं चन्द्रभानु पटेल ,सविता पटेल, संदीप कुमार भोई ,राजेन्द्रकुमार निर्मलकर, और अनुसुया पटेल का बच्चों द्वारा सम्मान किया गया।


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