
मानसून सत्र... महंत और महाभारत.... सदन में सुनाई दी रेडी टू ईट में भ्रष्टाचार की गूंज
15 जुलाई को छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन था, जिसमें नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने रेडी-टू-इट का मुद्दा उठाया. लेकिन विभागीय मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े इसमें किसी प्रकार की अनियमितता से इंकार करते हुए जांच के लिए तैयार नहीं हुई. डॉ. महंत ने भ्रष्टाचार, गलत तरीके से समूहों के चयन का आरोप लगाते हुए गड़बड़ी करने वाले विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की.
डॉ. चरण दास महंत को अब विपक्ष में रहकर स्व. सहायता समूहों की बड़ी चिंता हो रही है, लेकिन सत्ता में रहते हुए स्व. सहायता समूह को लेकर उनकी चिंता कभी दिखाई नहीं दी. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पूरे पांच साल रही, लेकिन तब ये चिंता क्यों लापता थी ? शायद इसे ही राजनीति कहते हैं.
डॉ. चरण दास महंत ने स्व सहायता समूहों की महिलाओं के लिए अपनी सरकार के दौरान कुछ खास नहीं बोला, जब वे खुद मंत्री थे, ना ही उनके सरकार में रहते किसी स्व. सहायता समूहों को रेडी-टू-ईट का ठेका मिला.
वहीं बीजेपी की सरकार भी मुनादी करवा रही है कि उसने 10 स्व. सहायता समूहों को रायगढ़ में रेडी टू इट का टेंडर दिया है. वाह जी सरकार बहुत खूब.... आपने तो कमाल कर दिया.... पूरे रायगढ़ जिले में सिर्फ 10 स्व. सहायता समूह को काम देकर पूरे प्रदेश पर अहसान कर दिया. इसके बावजूद जिन महिला स्व. समूहों को ठेका दिया गया है उन्हें अपात्र बताया जा रहा है. जबकि पात्र समूहों को बाहर कर दिया गया है.
आपने मोदी की गारंटी का 1 एक परसेंट भी पूरा नहीं किया, जो किया उसमे भी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, लेकिन सीना चौड़ा कर बयान दे रहे हैं.
कुल मिलाकर कहना है कि जब कांग्रेस सरकार में थी तब कुछ नहीं हुआ और बीजेपी आरोपी लगाती थी, अब बीजेपी सरकार में है, तो कांग्रेस आरोप लगा रही है.... और मोहरा है स्व. सहायता समूह की महिलाएं...
आपको बता दें कि रेडी-टू-इट महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजना है, जिसमें 6 माह से 3 वर्ष के आयु के सामान्य बच्चों को 135 ग्राम, 6 माह से 3 वर्ष आयु के गंभीर कुपोषित बच्चों को 211 ग्राम और गर्भवती, शिशुवती महिलाओं को 165 ग्राम रेडी-टू-ईट फूड रोज के मान से टेक होम राशन के अंतर्गत साप्ताहिक रूप से दिया जाता हैं. गेहूं आधारित रेडी-टू-ईट फूड को बनाकर सौंपने का काम अब महिला स्व. सहायता समूहों को दिया जा रहा है.