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कृषि महाविद्यालय महासमुंद में मनाया गया विश्व जनसंख्या दिवस

11 जुलाई 2025 को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र कांपा महासमुंद के सभागार में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम "युवा लोगों को एक निष्पक्ष और आशापूर्ण दुनिया में अपनी मनचाही परिवार बनाने के लिए सशक्त बनाना है" रही, जिसके अंतर्गत छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने भाग लेकर जनसंख्या नियंत्रण और इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों पर चर्चा की।महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ अनुराग ने अपने वक्तव्य में कहा कि, "एक कृषि प्रधान देश होने के नाते, भारत में जनसंख्या वृद्धि का सीधा प्रभाव कृषि संसाधनों पर पड़ता है। जागरूक युवा ही इस चुनौती का समाधान बन सकते हैं। 

उन्होंने कहा की जनसंख्या वृद्धि की सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव स्वयं व्यक्ति पर निर्भर करता है इसके साथ ही उन्होंने मानव संसाधन के प्रबंधन एवं महत्ता की बात कही | डॉ. जी एस तोमर वरिष्ठ प्राध्यापक ने कहा की बढ़ती जनसंख्या हमारे देश के लिए समस्या नहीं है हमें सिर्फ अपनी तकनीकों को और बेहटा बनाना होगा जिससे की हम इस जनसंख्या का भरण पोषण कर सकें । अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि, "तेजी से बढ़ती जनसंख्या न केवल संसाधनों पर दबाव बढ़ा रही है, बल्कि कृषि क्षेत्र पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सीमित भूमि, घटता जलस्तर और खाद्य उत्पादन की बढ़ती मांग के बीच, हमें संतुलित जनसंख्या वृद्धि की आवश्यकता है।" इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्रों द्वारा निबंध लेखन, पोस्टर प्रतियोगिता, रंगोली और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। साथ ही जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े वैज्ञानिक तथ्यों पर भी चर्चा हुई ।इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक , सहायक प्राध्यापक , अधिकारी कर्मचारी व छात्र छात्राओं ने अपना योगदान व सहभागिता दी| इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना शाखा के अधिकारी डॉ मुकेश कुमार सेठ के द्वारा किया गया तथा डॉ ऋचा के धन्यवाद् ज्ञापन के साथ इस कार्यक्रम का समापन हुआ |


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