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छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस ? बसना विकासखंड शिक्षा अधिकारी की हुई पदोन्नति, बने जिला शिक्षा अधिकारी.

क्या छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार आने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की निति अपनाई जा रही है ? देखकर तो ऐसा नहीं लगता है, लेकिन सरकार कुछ कार्रवाई के बाद सरकार अपना सीना ऐसे चौड़ा कर रही है मानो पुरे प्रदेश से भ्रष्टाचार समाप्त हो गया हो. सप्ताह भर नहीं हुए छत्तीसगढ़ में एकसाथ 22 अधिकारीयों को निलंबित किया गया था, इसका प्रचार सरकार ने ऐसे किया जिसके बाद यह कहा जाने लगा कि भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की नीति 'जीरो टॉलरेंस' की है.

लेकिन कई मामलों में अब सरकार पर सवाल उठने लगे हैं, क्या वाकई सरकार की नीति 'जीरो टॉलरेंस' की है, या फिर ये राजनीति से प्रेरित है, जिसमे सरकार अपने मनमुताबिक कार्य कर रही है, कहीं भ्रष्टाचार पर निलंबन की कार्यवाही किया जा रहा है तो कहीं गबन जैसे मामलों में दोषी पाए गए अधिकारी को पदोन्नति मिल रही है.

यह सब भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की निति अपनाने वाली भाजपा के सरकार में हो रहा है, हाल ही में बसना विकासखंड शिक्षा अधिकारी जेआर डहरिया को पदोन्नति देते हुए सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले का जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया गया, जबकि हाल ही में जेआर डहरिया पर गबन, अनियमिता और भ्रष्टाचार जैसे कई गंभीर आरोप लगे थे, जबकि मामलों में उन्हें दोषी भी पाया गया है. बावजूद इसके पदोन्नति मिलना अब भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की निति पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है.

आपको बता दें कि विधानसभा में भी कल सरकार द्वारा रेडी टू ईट में दिए जा रहे ठेके को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गए हैं, ऐसे और भी अन्य कई विभाग है जहाँ अपात्रों को भ्रष्टाचार कर जगह दी जा रही है.


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