
महासमुंद : जिला पंचायत महासमुंद में तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न, सदस्यों को पंचायत, योजनाओं एवं विभागीय गतिविधियों की दी गई विस्तृत जानकारी
जिला पंचायत सदस्यों का तीन दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला पंचायत महासमुंद के सभाकक्ष में 16 जुलाई से 18 जुलाई तक आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. आलोक के मार्गदर्शन में उपसंचालक पंचायत दीप्ति साहू और संकाय सदस्य दिनेश वर्मा के संयोजन में संपन्न हुआ।
प्रथम दिवस में प्रशिक्षण की शुरुआत पंचायत प्रणाली की भूमिका, बजट निर्माण, ऑडिट प्रक्रिया, पंचायत में कराए जाने वाले निर्माण कार्यों की प्रक्रिया एवं सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी से की गई। प्रतिभागियों को पंचायत के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक तकनीकी और विधिक पहलुओं से अवगत कराया गया। द्वितीय दिवस की शुरुआत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), स्वच्छ भारत मिशन एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की जानकारी के साथ की गई।
उपस्थित सदस्यों को इन योजनाओं की पात्रता, कार्यान्वयन एवं निगरानी प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया, जिससे वे अपने क्षेत्रों में इन योजनाओं का अधिक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर सकें। तृतीय दिवस को विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुतीकरण के रूप में आयोजित किया गया, जिसमें स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं जैसे दृ जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, आंगनबाड़ी सेवाएं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना आदि के बारे में जानकारी दी। इन योजनाओं के क्रियान्वयन, लाभार्थी चयन एवं शिकायत निवारण प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया।
प्रशिक्षण में जिला पंचायत सदस्य कुमारी भास्कर, रामदुलारी सिन्हा, देवकी पटेल, देवकी पुरुषोत्तम दीवान, जगमोती भोई, नैन पटेल, लोकनाथ बारी, मोक्ष कुमार प्रधान, जागेश्वर जुगनू चंद्राकर एवं कारण सिंह दीवान की सक्रिय सहभागिता रही।
इस अवसर पर जिला पंचायत लेखाधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी टीकवेंद्र जटवार, जिला शिक्षा अधिकारी विजय लहरे सहित स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण के दौरान सहभागी सदस्यों ने कार्यक्रम को ज्ञानवर्धक एवं व्यावहारिक बताया तथा भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता जताई, जिससे जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता लाई जा सके।