बसना : हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 365 दीपों की आभा में नहाएगा गुढ़ियारी
गांव में राधा कृष्ण की रासलीला पर आधारित रास पूर्णिमा महोत्सव की तैयारियाँ जोरों पर
सी डी बघेल। समीपस्थ ग्राम गुढ़ियारी (भूकेल ) में सदियों से चली आ रही परंपरा को आगे बढ़ाते हुए नव पीढ़ी के द्वारा इस वर्ष भी रास पूर्णिमा महोत्सव बड़े ही उत्साह, भक्तिभाव और सांस्कृतिक उल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह पांच दिवसीय महोत्सव 1 नवंबर से 5 नवंबर 2025 तक आयोजित होगा, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य और दीपदान जैसे कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया जाएगा। आयोजन के उल्लेख और पूरे गांव के लोग तैयारी में जुटे हुए हैं ।
महोत्सव का शुभारंभ 1 नवंबर शनिवार को कलश यात्रा एवं राधा-कृष्ण मूर्ति स्थापना के साथ होगा। उसी रात गीता-भागवत पाठ का आयोजन किया जाएगा। 2 नवंबर रविवार को रात्रिकालीन एक दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता आयोजित होगी। 3 नवंबर सोमवार को रंगसागर छत्तीसगढ़ी नाच लड़की पार्टी, चरौदा (खम्हरिया) की प्रस्तुति से श्रद्धालु झूम उठेंगे, जबकि 4 नवंबर मंगलवार को मया के फूलवारी छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी, संतपाली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। महोत्सव का मुख्य आकर्षण 5 नवंबर बुधवार की रात्रि को आयोजित “मोर सोनहा माटी” स्टार नाइट रहेगी, जिसमें प्रसिद्ध कलाकार संतोष चौहान (बरेली) अपनी प्रस्तुति देंगे।
इसी रात्रि रात 9 बजे फुलझर रियासत की परंपरा के अनुसार 365 दीपों का दीपदान किया जाएगा, जिसका शुभारंभ पूर्व विधायक एवं राजमहल सरायपाली के राजा देवेंद्र बहादुर सिंह द्वारा किया जाएगा। दीपदान के समय पूरा गुढ़ियारी ग्राम भक्ति और प्रकाश से जगमगा उठता है। रास पूर्णिमा पर्व भगवान श्रीकृष्ण और राधा की रासलीला पर आधारित है। मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजभूमि में गोपियों के साथ रास रचाई थी, जिसकी स्मृति में गुढ़ियारी में यह पर्व सदियों से मनाया जा रहा है।
फुलझर रियासत में आरंभ की गई 365 दीपदान की यह परंपरा आज भी गुढ़ियारी में श्रद्धापूर्वक निभाई जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पर्व धार्मिक आस्था का के साथ साथ सांस्कृतिक परंपरा और सामाजिक एकता का भी अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। आने वाले दिनों में गुढ़ियारी क्षेत्र का वातावरण पूरी तरह भक्ति, भजन और लोकसंस्कृति के रंग में रंगने वाला है। ग्राम वासियों ने छत्तीसगढ़ सहित ओडिशा के सभी श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक संख्या में पांच दिवसीय रास पूर्णिमा महोत्सव में शामिल होने की अपील की है।