news-details

एंटीबायोटिक दवाओं का गलत इस्तेमाल बन रहा है बड़ा खतरा - ICMR

एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध इस्तेमाल को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि निमोनिया और यूटीआई जैसी बीमारियों में एंटीबायोटिक दवाएं अब पहले की तरह असरदार नहीं रह गई हैं।

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने लोगों से अपील की है कि बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें
प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी के बाद आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने लोगों से अपील की है कि बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें। उन्होंने कहा कि एंटीबायोटिक का अत्यधिक और अनावश्यक इस्तेमाल गंभीर स्वास्थ्य संकट को जन्म दे रहा है।

पहले यह धारणा थी कि एंटीबायोटिक हर संक्रमण का इलाज कर सकती हैं, लेकिन आज ऐसा संभव नहीं रह गया
डॉ. बहल ने बताया कि निमोनिया और अन्य संक्रमणों के इलाज में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है, लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि कई मामलों में ये दवाएं हानिकारक बैक्टीरिया पर असर करना बंद कर चुकी हैं। पहले यह धारणा थी कि एंटीबायोटिक हर संक्रमण का इलाज कर सकती हैं, लेकिन आज ऐसा संभव नहीं रह गया है। इसका मुख्य कारण एंटीबायोटिक का अत्यधिक और बेवजह इस्तेमाल है।

एंटीबायोटिक के लगातार उपयोग से हानिकारक बैक्टीरिया इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं

उन्होंने स्पष्ट किया कि जब संक्रमण हो या न हो, एंटीबायोटिक का लगातार उपयोग किया जाता है, तो हानिकारक बैक्टीरिया इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं। ऐसे बैक्टीरिया उसी वातावरण में पनपने लगते हैं और जब बाद में बुखार या गंभीर संक्रमण होता है, तो सामान्य एंटीबायोटिक असर नहीं करतीं और दवाओं की डोज बढ़ानी पड़ती है।

एंटीबायोटिक का इस्तेमाल केवल तब किया जाना चाहिए, जब बुखार कई दिनों तक न उतरे
आईसीएमआर प्रमुख ने कहा कि एंटीबायोटिक का इस्तेमाल केवल तब किया जाना चाहिए, जब बुखार कई दिनों तक न उतरे या स्पष्ट रूप से बैक्टीरियल इंफेक्शन के लक्षण दिखाई दें और वह भी केवल डॉक्टर की सलाह पर। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अपनी मर्जी से एंटीबायोटिक दवाएं न लें।

रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है कमजोर
डॉ. बहल ने यह भी चेतावनी दी कि एंटीबायोटिक के अधिक इस्तेमाल से पेट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया पर भी असर पड़ता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि एंटीबायोटिक को पेरासिटामोल की तरह इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

कई बीमारियां और संक्रमण एंटीबायोटिक दवाओं पर पड़ने लगे हैं भारी
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में भी कहा था कि लोग सिर्फ तत्काल राहत पाने के लिए बिना सलाह के कोई भी दवा खा लेते हैं। यही कारण है कि कई बीमारियां और संक्रमण एंटीबायोटिक दवाओं पर भारी पड़ने लगे हैं।


अन्य सम्बंधित खबरें