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बिना अनुमति बिक गई भूमिहीन लोगों को पट्टे में मिली जमीन, भूमि मालिक फिर से हो गए भूमिहीन...

भूमिहीन लोगों को जीवनयापन करने और उनके परिवार को पालने के लिए सरकार ने सरकारी जमीन के पट्टे बांटे थे. सरकार ने पट्टे इस मंशा से बांटे थे, कि भूमिहीन अनुसूचित जाति के परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट न रहे. इसलिए उन्हें सरकारी जमीन के पट्टे देकर भूमि मालिक बनाया गया.

सरकार की इसी योजना के तहत महासमुंद जिले के पिथौरा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत पथरला के आश्रित ग्राम तिलकपुर गांव में भूमिहीन लोगों को वर्ष 1970-75 में शासन द्वारा 17 लोगो को जमीन के पट्टे बांटे गए. सरकार से पट्टे पर जमीन मिलने से ये भूमिहीन से भूमि मालिक तो बन गए, लेकिन ज्यादा दिन जमीन इनके पास नहीं रह पाई. 

गांव के रसूख और पैसे वालों ने सरकारी पट्टे वापिस हो जाने का भय दिखाकर भूमिहीन लोगों से जमीन खरीद लिया. वह भी राजस्व के नियमों को ताक पर रखकर बिना कलेक्टर की अनुमति लिए. जिससे ये लोग एक बार फिर से भूमिहीन हो गए. 

जानकारी के अनुसार ग्राम तिलकपुर में कुल 17 लोगो को जमीन के पट्टे मिले थे लेकीन इनमें से कुछ 5 व्यक्ति परसु पिता सेवकराय, आलो पिता घासी, रूप सिंग पिता श्रवण, सोमल पिता श्यामलाल से जमीन कुंजबिहारी ने जमीन खरीद लिया.

आपको बता दें कि सरकार से मिली जमीन पर भूमिहीन परिवार धान, उरद, तिली और अरहर की खेती करके अपना परिवार पालने लगे थे. सरकार द्वारा ये पट्टे नियमानुसार दिए थे. जिन्हें कुछ वर्ष बाद नवीनीकरण किया जाना था. लेकिन नवनिकरण होने के पहले ही इन कीमती जमीनों पर पैसों वालों की नजर पड़ी और पैसों वाले राजस्व और रजिस्ट्री कार्यालय के सरकारी कर्मचारी और दलालों का गठबंधन बनाकर उन्हें मजबूर किया. जहाँ इन जमीनों पर आज फॉर्म हाउस और अन्य तरह के निर्माण कर लिए गए हैं. 

जानकारी के अनुसार पिथौरा तहसील के तिलकपुर में स्तिथ भूमि खसरा नम्बर 202, 210, 213, 214, 160/1, 163, 161/1 एवं 156/2 रकबा 122, 0.80, 0.206, 0.556, 0.156 को गांव के गरीब लोगो को मिला था. जिनमे से किसी को भी 5 एकड़ का पट्टा नहीं मिला था. ज्यादातर लोगों को एक एकड़ से लेकर तीन एकड़ तक जमीन के पट्टे मिले. 

जमीन की बिक्री कलेक्टर की अनुमति के बिना ही करने पर लवकुमार पटेल द्वारा पूरे मामले को लेकर शिकायत की गई. जिसके बाद मामले को जिला कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए बिक्री नामा और नामातंरण और पट्टे को निरस्त करने का आदेश जारी करते हुऐ तिलकपुर गांव के अतिक्रमण कर्ता से जमीन मुक्त करवाने का आदेश जारी किया गया. लेकिन उसके बाद भी अतिक्रमण कर्ता द्वारा उस गरीबो के जमीन पर धान उपार्जन करता रहा और सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से धान उगाकर उसे धान मंडी में बेचना चाहता था. लेकिन शिकायतकर्ता लवकुमार पटेल द्वारा शासकीय भूमि के धान को बेचने प्रतिबन्ध लगाने आयुक्त संभाग रायपुर को शिकायत करने के बाद कार्यवाही के लिए आदेश जारी हुआ जिसमे साफ-साफ लिखा है की न्ययालय कलेक्टर महासमुंद के आदेश के मुताबिक अतिक्रमण कर्ता द्वारा शासकिय भूमि पर धान उपार्जन किया गया है.
 
हल्का पटवारी को कलेक्टर द्वरा धान फसल के जप्ती किए जाने के लिए आदेश पारित किया गया. और भूमियों से अतिक्रमण कर्ताओ से धान को जप्त कर सरपंच के सुपुर्द में देकर अतिक्रमण कर्ताओ का अतिक्रमण हटाकर पालन प्रतिवेदन पेश करने कहा गया. 

इसके बाद नायब तहसील दार सतीश राम टेक द्वारा जांच पंचनामा 1 दिसंबर 2019 को बनाया गया एवं प्रतिवेदन दिया गया. और 3 दिसम्बर 2019 को जब्ती करने हेतु पहुंचे राजस्व निरीक्षक एवं ग्रामीणों की उपस्थित होने से पहले वहां फसल कट चुका था.

नायब तहसीलदार सतीश राम टेक के द्वारा जाँचप्रतिवेदन के पहले कुंजबिहारी जाति अघरिया खसरा नंबर 202 में धान बोया था जिसे काट चुका था. कोमल प्रसाद पिता कुंज बिहारी जाती अघरिया के नाम से तिलकपुर में कोई भी भूमि नहीं है. धान खरीदी केंद्र पथरला में पंजीयन नहीं है, जब फसल जब्ती में सम्बंध में स्थल जांच प्रतिवेदन चाही गई तब आवेदक मौके पर नहीं गए थे तो ग्राम कोटवार एवं ग्रामीणों से पूछताछ कर मौके पर निरीक्षण किया गया था. उपस्थित ग्रामीणों द्वारा नंबर 156/2 में राम प्रसाद पिता कैलाश चंद्र जाती अघरिया द्वारा फसल किया जाना बताया गया था. इसी आधार पर प्रतिवेदन दिए जाने पर अनावेदक को पता चला. आवेदक को पता चला तब उनके द्वारा बताया गया कि खसरा नंबर 156/2 में कुंज बिहारी पिता गंगाधर द्वारा ही फसल लिया जा रहा है. 

इसकी पुष्टि के लिएव नायब तहसील दार सतीश राम टेक द्वारा पुनः मौका जांच एवं पूछताछ किया गया. मौके में खसरा नंबर 156/2 में कुंज बिहारी पिता गंगाधर द्वारा ही फसल लिया गया है, राम प्रसाद द्वारा वाद भूमि पर कब्जा नहीं है वर्तमान में राम प्रसाद पिता कैलाश चंद्र जाती अघरिया के नाम से तिलकपुर में कुल खसरा नंबर 7 कुल रकबा 4.21 है. 

उपरोक्त अतिक्रमण को उपरोक्त संबंध में 3 दिवस के अंदर जवाब पेश करने हल्का पटवारी के माध्यम से सूचित किया गया कि अतिक्रमणकर्ता द्वारा किसी प्रकार का जवाब या अभ्यावेदन प्रस्तुत नहीं किया और न्यायालय के आदेश का अवहेलना किया. जिसे लेकर कृषक राम प्रसाद पिता कैलाश चंद्र जाती अघरिया, तिलकपुर को छोड़कर शेष अतिक्रमण को द्वारा उपरोक्त तथ्यों को किसी भी भूमि का धान विक्रय हेतु टोकन जारी नहीं किया जाए तथा पालन प्रतिवेदन से भी न्यायालय को अवगत कराने हेतु आदेश जारी किया गया. 

इस आदेश के बाद राजेश और राम प्रसाद का धान जप्ती कर टोकन जारी किया गया, क्योकि इन दोनों किसानों का नाम किसी अन्य कारणों के वजह से इस सम्बन्ध में नाम आ गया था जिसको सुधार किया गया और उनका धान खरीदा गया.  

यह कार्यवाही नायब तहसीलदार सतीश राम टेक के द्वारा कर आदेशित किया गया था, वही इस आदेश के बाद कुंजबिहारी पिता गंगाधर कोमल पिता कुंजबिहारी ने अभी तक धान को सुपुर्द नही किया है और न्यायालय और शासन दोनों के आदेश का धज्जियां उड़ा रहें है. 

इतना ही नहीं इसके बाद अतिक्रमणकर्ता मेरा धान नही बिक रहा है बोलकर जिला कलेक्टर के आस आवेदन लगाकर कहा कि पैतृक भूमि के धान बेचने को आदेश दिया जाए, धान बिक्री के आदेश के लिए कलेक्टर ने जाँच के लिए एक बार फिर SDM को लिखा था लेकिन इस बार आदेश पिथौरा एसडीएम ने तहसील दार टीआर देवांगन को जाँच के आदेश दिया गया था.
जिसे तहसीलदार टीआर देवांगन द्वारा नायब तहसीलदार सतीश राम टेक के पहले वाले जाँच प्रतिवेदन और अतिक्रमण कर धान उपार्जन के प्रकरण को बिना देखे ही तहसीलदार टीआर देवांगन ने नायब तहसिलदार के जाँच प्रतिवेदन के बिल्कुल विपरीत धान बेचने के लिए धान खरीदी केंद्र प्रभारी पथराला को टोकन जारी करने निर्देश जारी कर दिया.

तहसीलदार टीआर देवांगन के द्वारा अतिक्रमणकर्ता के धान को बेचने के लिए टोकन जारी करने के आदेश जारी करने के बाद धान खरीदी केंद्र प्रभारी द्वारा 22 जनवरी 2020 को टोकन जारी कर दिया गया था, जिसके बाद अतिक्रमण कर्ता कुंज बिहारी द्वार धान को पथराला धान खरीदी केंद्र लाया गया था.  

वहीं इस बात की जानकारी शिकायतकर्ता लवकुमार पटेल को चलते ही उसने खाद्य अधिकारी को फोन करके यह सूचना दिया की अतिक्रमणकर्ता बिना अवैध धान को सुपुर्द किए धान बेचने लाया है. इसके बाद खाद्य अधिकारी द्वारा धान को तत्काल वापस ले जाने कहा गया और धान के वापस नही लिया जाता तो तत्काल धान को जप्ती का आदेश दिया गया. जिसके बाद अतिक्रमणकर्ता द्वारा धान को मंडी से घर ले जाया गया.  

वहीं पूरे मामले में तहसीलदार टीआर देवांगन ने बताया की किसान कुंज बिहारी द्वारा कलेक्टर के पास यह कहते हुए आवेदन लगाया गया था कि मेरा धान ख़रीदी नही हो रहा है, लेकिन क्यो नही खरीदा जा रहा है यह नही बताया गया था. मेरे द्वार बिना जाने ही धान खरीदी के लिए आदेश जारी कर दिया गया था. तहसीलदार टीआर देवांगन ने कहा की जल्द ही नायब तहसीलदार को आदेश देकर अतिक्रमण वाले भूमि को भी सुपुर्द करवाने आदेश जारी किया जायेगा. 

वही इस संबंध में पथरला के धान खरीदी केंद्र प्रभारी ने बताया की इसके बाद किसी भी तरह का टोकन नही काटा जाएगा, बताया की तहसीलदार के दिशा निर्देश के बाद ही अतिक्रमण कर्ताओ के धान के लिए टोकन जारी किया जाएगा.




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